अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन (एआईएफ) ने वाजपेयी के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि वे भारत के सबसे प्रिय राजनेताओं में से एक थे। इस संगठन की स्थापना गुजरात के भुज में आए भूकंप के बाद की गई थी, जब वाजपेयी ने प्रवासी भारतीयों का अपने देश के लिए कुछ करने का आह्वान किया था।
एआईएफ के सीईओ निशांत पांडे ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के निधन की बात सुनकर हम लोग बेहद दु:खी हैं। उनके दूरदर्शी विचार हम सभी के लिए प्रेरणादायी हैं। उन्होंने भारत में सफलतापूर्वक कार्यक्रमों को पूरा करने की कसौटी पर खरा उतरने के लिए एआईएफ को प्रेरित किया। जब दुनिया के 2 बड़े लोकतांत्रिक देश विकास संबंधी मुद्दों से निपटने के लिए हाथ मिलाते है तो इसका प्रभाव व्यापक होता है।
वाजपेयी के सुझाव और अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की पहल पर वर्ष 2001 में एआईएफ की स्थापना हुई थी। एआईएफ ने भारत के 46 लाख गरीबों तक पहुंच बनाई है। इसने शिक्षा, भारत के 24 राज्यों में लोगों की आजीविका और सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम किया है।
एक बयान में ओएफबीजेपी सगठन ने कहा कि वाजपेयी की बेमिसाल कविताएं और उनकी प्रखर वाकपटुता की यादें हम सभी के दिलोदिमाग में ताजा रहेंगी। देश के लिए सबसे यादगार पल वह था, जब वाजपेयी ने पोखरण में परमाणु परीक्षण करने का कठोर फैसला लिया। भारतीय नेता ने पाकिस्तान सहित पड़ोसी देशों के साथ शांति का प्रयास किया। उसने लाहौर के लिए ऐतिहासिक बस सेवा और कारगिल युद्ध के दौरान देश में उनके नेतृत्व को याद किया। (भाषा)