Shubhanshu Shukla Returns : ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के परिवार ने उनके और ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर सवार एक्सिओम-4 चालक दल द्वारा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 18 दिनों के प्रवास के बाद पृथ्वी पर लौटने पर जश्न मनाया। इस अवसर पर उनकी मां और पिता दोनों भावुक नजर आए। उनकी आंखों से खुुुशी
के आंसू निकल पड़े।
शुभांशु की मां ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मेरा बेटा बड़ा मिशन करके आया है। शुभांशु के पिता ने इसे गर्व भरा पल बताया।
#WATCH | Lucknow | Group Captain Shubhanshu Shukla's family celebrates as Axiom-4 Dragon spacecraft returns to Earth pic.twitter.com/VDyFGEIlXM
शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा कि आज हमारे लिए बहुत खुशी का दिन है। हम ईश्वर से उसकी सुरक्षित लैंडिंग के लिए प्रार्थना करते रहे हैं। यह बहुत खुशी की बात है कि वह अपना मिशन सफलतापूर्वक पूरा करके वापस लौटा है।
उन्होंने परिवार की गहरी सम्मान और संतुष्टि की भावना व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमारे और देश के लिए बेहद गर्व का क्षण है कि उसने इतना महत्वपूर्ण मिशन पूरा किया है। अब हम अपने परिवार, रिश्तेदारों और शुभचिंतकों के साथ यहां उत्सव मनाएंगे।
राकेश शर्मा के 1984 के मिशन के बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री के रूप में शुक्ला ने इतिहास रच दिया, जिससे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की बढ़ती उपस्थिति में एक और उपलब्धि जुड़ गई।
उल्लेखनीय है कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर सवार एक्सिओम-4 चालक दल, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 18 दिनों के प्रवास के बाद प्रशांत महासागर में उतरे।
एक्सिओम-4 मिशन वैसे तो 14 दिन का था लेकिन 18 दिन चला। शुभांशु अंतरिक्ष में 433 घंटे रहे। उन्होंने 288 बार पृथ्वी की परिक्रमा की। इस दौरान वहां 60 प्रयोग किए गए। इनमें से 7 इसरो के थे। शुभांशु अंतरिक्ष स्टेशन से 263 किलो वैज्ञानिक सामान और डाटा ला रहे हैं। शुभांशु के मिशन पर 550 करोड़ रुपए खर्च हुए। भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान 2027 में लांच होना है। इसलिए भी यह मिशन भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण था।
जीरो ग्रेविटी से लौटने के बाद शुभांशु समेत सभी 4 अंतरिक्ष यात्री 7 दिन आइसोलेशन में रहेंगे। भारत लौटने से पहले उन्हें कई चिकित्सकीय, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक मूल्यांकनों से गुजरना होगा।