हालांकि मामले के तूल पकड़ने के बाद हट्टार ने माफी मांगी थी और कहा था कि उनका मकसद ईशनिंदा नहीं ,बल्कि उन्होंने अपने कार्टून के जरिए यह दिखाने की कोशिश की थी कट्टपंथी सुन्नी संप्रदाय अल्लाह और जन्नत के बारे में क्या सोच रखता है।
रिपोर्ट में सुरक्षा सूत्रों के हवाले से कहा गया कि हमलावर ने अदालत के बाहर लेखक पर तीन गोलियां चलाई, जिससे घटना स्थल पर ही उनकी मौत हो गई। दो प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमलावर लंबी दाढ़ी रखे हुए लगभग 50 वर्ष की आयु का था और उसने पारंपरिक अरब परिधान पहना हुआ था। (वार्ता)