बांग्लादेश में अवामी लीग की सरकार के तख्तापलट के बाद से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत में शरण ले रखी है। नोबेल पुरस्कार विजेता शेख यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार चल रही है। सरकार में खालिदा जिला की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की बड़ी हिस्सेदारी है। बीएनपी लगातार भारत पर शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए दवाब बना रही है। इस बीच बीएनपी के एक नेता का भी बयान सामने आया है। उन्होंने परोक्ष रूप भारत को धमकी दी है।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा एक आंतरिक मामला है। मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा कि जन आक्रोश के बीच हसीना सरकार के पतन के बाद भी भारत सरकार ने अभी तक बीएनपी से बातचीत नहीं की है, जबकि चीन, अमेरिका, ब्रिटेन और पाकिस्तान पहले ही बात कर चुके हैं।
बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा कि भारत-बांग्लादेश संबंधों में एक नया अध्याय शुरू करना महत्वपूर्ण है, जो पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण के साथ शुरू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में उनकी निरंतर उपस्थिति द्विपक्षीय संबंधों को और नुकसान पहुंचा सकती है।
भारत की शरण में हैं शेख हसीना : बांग्लादेश में पांच अगस्त को सरकार विरोधी प्रदर्शन चरम पर पहुंच गया, जिसके कारण शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और देश छोड़कर भारत जाना पड़ा। भारत में तीन हफ्तों से अधिक समय से हसीना की मौजूदगी ने बांग्लादेश में अटकलों को बढ़ावा दिया है।
रिश्ते हो सकते हैं खराब : आलमगीर ने कहा कि अगर भारत हसीना की बांग्लादेश वापसी सुनिश्चित नहीं करता है, तो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध खराब होंगे। उन्होंने कहा कि यहां पहले ही भारत के खिलाफ गुस्सा है, क्योंकि उसे शेख हसीना की निरंकुश सरकार के समर्थक के रूप में देखा जाता है. अगर आप बांग्लादेश में किसी से भी पूछेंगे, तो वह यही कहेगा कि भारत ने शेख हसीना को शरण देकर ठीक नहीं किया।
हिन्दुओं पर हमले की खबरों को बताया फर्जी : बीएनपी नेता ने कहा कि हिन्दुओं को निशाना बनाए जाने की खबरें सही नहीं हैं, क्योंकि ज्यादातर घटनाएं सांप्रदायिक होने के बजाय राजनीति से प्रेरित थीं। उन्होंने कहा कि शेख हसीना को खुद और अपनी सरकार की ओर से किए गए सभी अपराधों और भ्रष्टाचार के लिए बांग्लादेश के कानून का सामना करना पड़ेगा। इसे संभव बनाने और बांग्लादेश के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए भारत को उनकी बांग्लादेश वापसी सुनिश्चित करनी चाहिए।
संबंधों का नया अध्याय : बीएनपी नेता ने कहा कि हम भारत-बांग्लादेश संबंधों में नया अध्याय शुरू करना चाहते हैं और बांग्लादेश में हसीना की वापसी सुनिश्चित करना द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय होगा। शेख हसीना और अवामी लीग दोनों की यहां निंदा की जाती है और उनका साथ देने से बांग्लादेश में भारत के बारे में धारणा और खराब होगी।
उन्होंने कहा कि वे पिछले मतभेदों को दूर करने और सहयोग करने के लिए तैयार हैं। आलमगीर ने यह भी आश्वासन दिया कि बीएनपी बांग्लादेशी सरजमीं पर ऐसी किसी भी गतिविधि की अनुमति नहीं देगी, जिससे भारत की सुरक्षा के समक्ष खतरा पैदा हो। इनपुट एजेंसियां