दो बार प्रधानमंत्री रहीं भुट्टो की दिसंबर 2007 में रावलपिंडी में बम हमले में हत्या कर दी गयी थी। उस समय मुशर्रफ देश के राष्ट्रपति थे। मामले में एक आरोपी के तौर पर पूर्व जनरल पर मुकदमा चलाया गया है। अमेरिकी पत्रकार और लॉबीस्ट मार्क सीगल ने कल अपनी गवाही में कहा था कि मुशर्रफ ने उनकी मौजूदगी में बेनजीर को फोन मिलाया था और उन्हें पाकिस्तान लौटने से पहले धमकी दी थी।
स्थानीय मीडिया के अनुसार सीगल ने अपने बयान में कहा कि अक्तूबर 2007 में स्व-निर्वासन से लौटने से कुछ दिन पहले मुशर्रफ ने अमेरिका में मौजूद बेनजीर से बात की थी। एक्सप्रेस न्यूज टीवी की खबर के अनुसार मुशर्रफ ने इस तरह का कोई फोन करने की बात को खारिज कर दिया है और कहा कि वह उस वक्त मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं करते थे।
सीगल ने वाशिंगटन में पाकिस्तान के दूतावास से वीडियो लिंक के माध्यम से रावलपिंडी में आतंकवाद निरोधक अदालत में अपना बयान दर्ज कराया। मामले में मुकदमे को अंतिम रूप देने के लिए उनकी गवाही को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मुशर्रफ 1999 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे थे। उन पर कई मामले चल रहे हैं और वह कराची में रहते हैं। उन्हें देश छोड़कर जाने की इजाजत नहीं है। (भाषा)