‘डॉन’ अखबार ने खबर दी कि गौसाबाद इलाके स्थित मस्जिद में यह विस्फोट मगरीब (सूरज डूबते ही पढ़ी जाने वाली) नमाज़ के दौरान हुआ। विस्फोट की प्रकृति का फौरन पता नहीं चल सका है। क्वेटा के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) अब्दुल रज़्ज़ाक चीमा ने बताया कि 15 मृतकों में पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) अमानुल्ला शामिल हैं।
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, मृत पुलिस अधिकारी को निशाना बनाने के लिए विस्फोट किया गया हो सकता है। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने खबर दी कि अज्ञात बंदूकधारियों ने पिछले महीने डीएसपी के बेटे की क्वेटा में हत्या कर दी थी।
खबर में बताया गया है कि विस्फोट में 20 लोग जख्मी हुए हैं। कानून प्रवर्तक एजेंसियों ने इलाके की घेराबंदी कर ली है और घटना की जांच कर रही हैं। इस बीच, इलाके के सभी अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित कर दी गई है। किसी भी संगठन ने विस्फोट की जिम्मेदारी नहीं ली है।
पाकिस्तानी फौज की मीडिया इकाई आईएसपीआर ने कहा कि फ्रंटियर कोर (एफसी) बलूचिस्तान के सैनिक मौके पर पहुंच गए हैं और पुलिस के साथ संयुक्त रूप से खोज अभियान चला रहे हैं। आईएसपीआर ने सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा के हवाले से कहा, जिन लोगों ने मस्जिद में बेगुनाहों को निशाना बनाया, वे कभी सच्चे मुसलमान नहीं हो सकते।