रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के अंगरक्षक दस्ते का एक अधिकारी रूस से भाग निकलने में सफल रहा है। उसने पुतिन के निजी जीवन के बारे में कुछ ऐसी चौंकाने वाली बातें कही हैं, जिन पर आसानी से विश्वास करना कठिन है।
रूसी राष्ट्रपति के अंगरक्षक दस्ते FSO का एक अधिकारी होना लाखों में एक होने के समान है। ग्लेब कराकुलोव में ऐसी ही खूबियां रही होंगी, तभी वह एक लंबे समय से राष्ट्रपति पुतिन के अंगरक्षक दस्ते का एक अधिकारी था। इस दस्ते के सदस्यों को आदेश मिलने पर गोपनीय रक्षात्मक या जासूसी गतिविधियों में भी हिस्सा लेना पडता है।
ग्लेब कराकुलोव ने – 2014 में रूस को त्याग चुके और 2015 से लंदन में रह रहे – धनकुबेर मिखाइल खोदोरकोव्स्की द्वारा वित्तपोषित लंदन के 'डोज़ियर सेंटर' (सूचना संग्रह या फ़ाइल क्रेद्र) को एक लंबा-चौड़ा इंटरव्यू दिया है। उसका कहना है कि पुतिन वैसे तो अपनी आयु के अन्य लोगों की अपेक्षा कहीं स्वस्थ और ठीक-ठाक हैं, पर उन्हें हर समय किसी बीमारी का संक्रमण लग जाने का या अपने ऊपर हमला हो जाने का डर लगा रहता है। इसीलिए वे अपने साथ कोई सेल फ़ोन वगैरह नहीं रखते। अपनी यात्राओं के भ्रामक आभास देते हैं और केवल ऐसे लोगों से मिलते हैं, जो पहले क्वारंटीन में (दूसरों से अलग-थलग) रह चुके हैं।
कुछ ही महीने पहले पलायन किया अपने बारे में कराकुलोव का कहना है कि वह अपनी पत्नी और बेटी के साथ, 2022 की शरद ऋतु में, कज़ाकस्तान होता हुआ तुर्की में इस्तांबुल पहुंचा। वह स्पष्ट रूप से सर्वोच्च रैंकिंग वाला अब तक का एक ऐसा दलबदलू है, जिसने यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध के कारण अपनी नौकरी और देश का परित्याग कर दिया।
लंदन के 'डोज़ियर सेंटर' ने इस बात की पुष्टि की है कि कराकुलोव पुतिन के अंगरक्षक दस्ते का सदस्य रहा है। एसोसिएटेड प्रेस (AP) जैसी समाचार एजेंसियां उसके इंटरव्यू-वीडियो के आधार पर उसकी अचूक पहचान करने में लगी हैं। प्रमुख यूरोपीय पत्र-पत्रिकाओं का भी कहना है कि उसकी कुछ बातें चौंकाने वाली ज़रूर हैं, पर अधिकतर बातें विश्वसनीय लगती हैं। तब भी उसकी बातों और पहचान के सत्यापन के लिए आवश्यक सारे प्रयास किये जा रहे हैं।
पुतिन एक 'युद्ध अपराधी' हैं : कराकुलोव का कहना है कि यूक्रेन जैसे 'एक संप्रभु देश के क्षेत्र पर आक्रमण समझ से परे है।' उसके लिए, पुतिन एक 'युद्ध अपराधी' हैं। वे 'आक्रामक युद्ध, आतंकवाद और यूक्रेनी लोगों के खिलाफ नरसंहार' के लिए ज़िम्मेदार हैं। रूसी राष्ट्रपति को 'दुनिया से कट गया' बताते हुए वह कहता है: 'पुतिन पिछले कुछ वर्षों से एक सूचनारोधी ककून में रह रहे हैं, अपना अधिकांश समय उन आवासों में बिताते हैं, जिन्हें मीडिया उचित ही बंकर कहता है। उन्हें किसी (मानसिक) रोगी की तरह अपने जीवन के लिए ख़तरे का डर सता रहा है।'
कराकुलोव ने वे सावधानियां भी गिनाई हैं, जो राष्ट्रपति पुतिन अपनी सुरक्षा के लिए कर रहे हैं। वे न तो इंटरनेट का उपयोग करते हैं और न ही मोबाइल फोन का। केवल अपने निकटतम लोगों की मंडलियों से ही अपनी जानकारी जुटाते हैं। उनके संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति को, उनके पास आने से पहले, दो सप्ताह तक सबसे अलग-थलग रहा होना चाहिए, भले ही बातचीत केवल 20 मिनट ही चले। उनके सभी क़रीबी, नियमित जांच से गुज़रते हैं और दिन में कई बार कोरोना का PCR टेस्ट करवाते हैं। ग्लेब कराकुलोव के शब्दों में, 'मुझे पता नहीं है क्यों? शायद अपने स्वास्थ्य के बारे में वे बहुत चिंतित रहते हैं।'
पुतिन का स्वास्थ्य अच्छा है : अपने स्वास्थ्य के प्रति राष्ट्रपति पुतिन की अतिरंजित चिंतां के बावजूद इस अंगरक्षक अधिकारी ने उनके बीमार होने की अफवाहों की पुष्टि नहीं की। उसने कहा कि वे अपनी उम्र के कई लोगों की तुलना में बेहतर स्वास्थ्य वाले हैं। उनका हर साल मेडिकल चेकअप होता है। कराकुलोव ने ऐसी रिपोर्टों की पुष्टि की, जिनका कहना है कि पुतिन की लाल और स्लेटी रंग वाली पट्टी-धारी एक विशेष ट्रेन, है जो अन्य ट्रेनों से अलग नहीं दिखती। वे अपनी यात्राओं के लिए विमानों की तुलना में ट्रेनों को वरीयता देते हैं, क्योंकि ट्रेनों को ट्रैक करना कठिन होता है। यह बात फरवरी 2023 की मीडिया रिपोर्टों से भी मेल खाती है।
कराकुलोव ने पाया कि पुतिन के विभिन्न आवासों में उनके सभी कार्यालय एक जैसे दिखते हैं, ताकि कोई बता नहीं पाए कि वे वास्तव में कहां हैं: 'इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे सेंट पीटर्सबर्ग में हैं, सोची या नोवो-ओगारियोवो में है। सब कुछ एकसमान है।' टेलीविज़न समाचारों और रिपोर्टों में कई बार जानबूझ कर ग़लत प्रचार किया जाता है कि राष्ट्रपति महोदय नोवो-ओगारियोवो में एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं, जबकि वे होते हैं सोची में।
यात्रा संबंधी जानकारियां भ्रामक होती हैं : इसी प्रकार पुतिन की यात्रा संबंधी सरकारी जानकारियां भी भ्रामक होती हैं। हो सकता है कि अंगरक्षक दस्ता FSO पुतिन के के लिए एक विमान तैयार करने का आदेश दे, 'लेकिन कारों का उनका काफ़िला वास्तव में सोची में रुका हो।' इस युक्ति का उद्देश्य 'सबसे पहले विदेशी गुप्तचर सेवाओं को भ्रमित करना है। दूसरा उद्देश्य है, उन पर जानलेवा हमले के प्रयासों को रोकना।'
कराकुलोव का कहना है कि 2020 तक पुतिन बहुत सक्रिय रहते थे और कई कामकाजी यात्राएं भी करते थे। इसके बाद से उन्होंने खुद को दुनिया से अलग कर लिया है। दुनिया की 'वास्तविकताओं के बारे में उनका दृष्टिकोण बहुत विकृत हो गया है।' यह बात यूक्रेन पर हमले के संदर्भ में सबसे अधिक स्पष्ट दिखती है: '21वीं सदी का एक ऐसा व्यक्ति जो, दुनिया में होने वाली गतिविधियों को निष्पक्ष रूप से देखता है, कम से कम इतना दूरदर्शी तो होना ही चाहिये कि वह निकट भविष्य के बारे में सही अनुमान लगा सके और किसी युद्ध की अनुमति नहीं दे।'
2014 में क्रीमिया जाने पर हुआ पहला संदेह : रूसी राष्ट्रपति के अंगरक्षक दस्ते का यह अधिकारी 2009 से FSO का हिस्सा था। उसका कहना है कि मार्च 2014 में क्रीमिया प्रायद्वीप की यात्रा के दौरान उसे पहला संदेह हुआ था। वहां उसने रूस द्वारा आयोजित बनावटी जनमत संग्रह के दौरान क्रीमिया के रूस में विलय के पक्ष में भारी मतदान का दावा देखा। 'मुझे लोगों से पूछने का अवसर मिला कि क्या उन्होंने विलय का समर्थन किया है। क्या विलय का समर्थन वास्तव में 97 प्रतिशत था?'
वहां की जनता में उसने खुद ऐसा कोई ज़ोरदार उत्साह नहीं पाया था। उसने पाया कि जनता 'विलय के 50-50 प्रतिशत पक्ष-विपक्ष में बंटी हुई थी। आधे ने कहा: ठीक है, (रूस) में शामिल होना एक अच्छा विचार है। दूसरे आधे को गंभीर संदेह था। तभी मेरे लिए खतरे की घंटी बजने लगी।'
मां ने कहा, मैं...आत्महत्या कर लूंगी : लंदन के 'डोज़ियर सेंटर' को दिए गए इंटरव्यू में ग्लेब काराकुलोव का यह भी कहना है कि उसने अपने माता-पिता से पुतिन के बारे में अपनी शंकाओं और अपने पलायन की योजना के बारे में बात करने की कोशिश की। लेकिन जब उसने यूक्रेन पर रूसी हमले के औचित्य के बारे में संदेह व्यक्त किया, तो वे इसे सुनना नहीं चाहते थे। उसकी मां ने कहा, 'यह क्या है? क्या तुम भागने की योजना बना रहे हो? क्या तुम किसी प्रकार का विदेशी एजेंट हैं?' और: 'यदि तुमने ऐसा कुछ किया, तो मैं इस कलंक को झेल नहीं पाऊंगी, आत्महत्या कर लूंगी।' अपने पलायन के बाद से कराकुलोव से अपने माता-पिता से कोई संपर्क नहीं साधा।
पुराने सहयोगी पुतिन के प्रति निष्ठावान हैं : कराकुलोव को खेद है कि उसके पुराने सहयोगी पुतिन के प्रति निष्ठावान बने हुए हैं। वे उसे (कराकुलोव को) केवल 'बॉस' कहा करते थे और 'उसे हर तरह से बहुत मानते थे'। लेकिन, यूक्रेन में चल रहे युद्ध को लेकर उनके मन में कोई शक-संदेह नहीं था। 'वे लगभग शत-प्रतिशत पुतिन समर्थक हैं।'
इंटरव्यू के अंत में काराकुलोव ने अपने पूर्व सहयोगियों से अपील की है: 'आप इन आपराधिक आदेशों का पालन करना बंद करें।...इस पागलपन को जल्द से जल्द ख़त्म करना आपके ऊपर है। मैं चाहता हूं कि आप ऐसा ही करें, क्योंकि केवल इसी तरह बहुत सारे लोगों की जान बच सकेगी।'
ग्लेब कराकुलोव का मानना है कि यूक्रेन एक सार्वभौम स्वतंत्र देश है। उस पर आक्रमण करने का कोई औचित्य नहीं है। इस युद्ध में अनगिनत नामहीन लोग मर चुके हैं। उनमें अनिगनत बच्चे रहे होंगे। कितनी और बलियां चाहिए कि तब युद्ध थमेगा? 'मुझे तो यही लगता है कि चुप रहने से कुछ नहीं बदलेगा। लेकिन, इस युद्ध का अंत होना ही चाहिए। समय आ गया है कि चुप्पी टूटे।'