उन्होंने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सर गंगाराम अस्पताल में आयोजित एक व्याख्यान में कहा कि भारत में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण आघात है। भारत में हर साल आघात के लगभग 1,85,000 मामले सामने आते हैं, हर 40 सेकंड में आघात का लगभग एक मामला सामने आता है और हर चार मिनट में यह बीमारी एक व्यक्ति की जान लेती है।
श्रीवास्तव ने कहा कि ये आंकड़े भारत के लिए चिंताजनक हैं। उन्होंने कहा कि इन चिंताजनक आंकड़ों के बावजूद कई भारतीय अस्पतालों में आघात के मरीजों का शीघ्र और बेहतर ढंग से इलाज करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और संसाधनों की कमी है। यह कार्यक्रम अस्पताल के अनुसंधान विभाग द्वारा आयोजित किया गया था। भाषा Edited By : Sudhir Sharma