ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में यह संकुचन 2012 की चौथी तिमाही के बाद पहली बार हुआ है। अधिकांश अर्थशास्त्री अर्थव्यवस्था के स्थिर रहने का अनुमान लगा रहे थे। ऐसे में संकुचन अप्रत्याशित माना जा रहा है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने कहा कि यह गिरावट ऐसे समय दर्ज हुई है जबकि ब्रेक्जिट की नियोजित समयसीमा को लेकर अनिश्चितता बढ़ी हुई है।
ब्रेक्जिट की समयसीमा को टालने के निवेदन से पहले कंपनियों ने भंडार बढ़ाने पर जोर दिया जिससे पहली तिमाही में जीडीपी में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, हालांकि बाद में जब कंपनियों ने भंडार जमा करना बंद किया तो इसका असर वृद्धि दर पर पड़ा।