पाकिस्तान में चल रहे आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के मैचों के बीच एक खुफिया रिपोर्ट ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) ने विदेशी नागरिकों को अपहरण कर मोटी फिरौती वसूलने का प्लान बनाया है। रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी संगठन ने खासतौर पर चीनी और अरब नागरिकों को निशाना बनाने की योजना बनाई है। इसे लेकर पाकिस्तानी आईबी ने चेतावनी जारी की है।
क्या है आईबी की चेतावनी : ISKP शहर के बाहरी इलाकों में किराए पर घर लेने की योजना बना रहा है, जहां सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं और केवल रिक्शा या मोटरसाइकिल के जरिए ही पहुंचा जा सकता है। आतंकियों की योजना है कि वे विदेशियों का अपहरण करेंगे और उन्हें रात के समय इन किराए के घरों तक पहुंचाएंगे ताकि किसी को इसकी भनक न लगे। बंदरगाह, हवाई अड्डे, ऑफिस और होटल जैसे स्थानों को टार्गेट किया जा सकता है। इसमें खासतौर पर उन इलाकों को शामिल किया गया है जहां विदेशी नागरिक अक्सर आते-जाते हैं।
विदेशी दर्शकों को लेकर चिंता : मीडिया खबरों के मुताबिक यह चेतावनी ऐसे समय में जारी हुई है, जब अंतरराष्ट्रीय आयोजनों को सुरक्षित तरीके से सम्पन्न कराने को लेकर पाकिस्तान पर सवाल उठ रहे हैं। पहले भी विदेशी नागरिकों की सुरक्षा को हल्के में लेने के आरोप इस्लामाबाद पर लग चुके हैं।
2009 में श्रीलंका टीम पर हुआ था हमला : पिछले साल शांगला में चीनी इंजीनियरों पर हमला हुआ था। 2009 में लाहौर में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर अटैक किया गया। इन घटनाओं के चलते पाकिस्तान की सुरक्षा तैयारियों पर अक्सर संदेह पैदा होता रहा है। इस बीच, अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी (GDI) ने भी आईएसकेपी की ओर से हमलों को लेकर अलर्ट जारी किया है। उसने गुट से जुड़े कुछ लापता गुर्गों को पकड़ने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
अफगानिस्तान खूफिया एजेंसी की चेतावनी : अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी (GDI) ने भी आईएसकेपी की ओर से हमलों को लेकर अलर्ट जारी किया है। उसने गुट से जुड़े कुछ लापता गुर्गों को पकड़ने के प्रयास तेज कर दिए हैं। ISKP से जुड़े अल अजैम मीडिया की ओर से बीते साल 19 मिनट का वीडियो जारी हुआ था। इसमें दावा किया गया कि क्रिकेट मुसलमानों के खिलाफ इंटेलेक्चुअल वार का एक पश्चिमी टूल है। यह खेल राष्ट्रवाद और प्रोपेगेंडा को बढ़ावा देता है, जो कि इस्लाम की जिहादी विचारधारा के खिलाफ है। अफगानिस्तान क्रिकेट टीम का समर्थन करने के लिए तालिबान की भी आलोचना की गई।