इस्लामाबाद। कंगाल हो रहे पाकिस्तान की मदद के लिए उसका दोस्त चीन आगे आया है। चीन से 70 करोड़ अमेरिकी डॉलर की बहुप्रतीक्षित सहायता राशि मिली। आर्थिक संकट से ग्रस्त पाकिस्तान में महंगाई से जनता हलकान है। महंगाई दर बढ़कर 38.2 फीसदी पर पहुंच चुकी है। बहरहाल चीन मदद उसके लिए डूबते को तिनके का सहारा की तरह है और वह IMF के साथ ही ईरान और सऊद अरब से भी उसे मदद की दरकार है।
पाकिस्तान के प्रधानमत्री शहबाज शरीफ ने चीन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पाकिस्तान का एक सहयोगी देश है, हम सभी सोच रहे थे कि वे आईएमएफ समझौते की प्रतीक्षा कर रहे थे और फिर वे अपनी भूमिका निभाएंगे लेकिन उस सहयोगी देश ने कुछ दिन पहले हमें बताया कि 'हम आपको सीधे तौर पर वित्तीय मदद दे रहे हैं। इन बातों को कभी नहीं भुलाया जा सकता है।
ईरान, सऊदी अरब से भी बात : पाकिस्तान ऋण के लिए ईरान और सऊदी अरब जैसे देशों से भी बातचीत कर रहा है। माना जा रहा है कि ईरान भी जल्द ही मदद का ऐलान करेगा जबकि सऊदी अरब ने इस मामले में अब तक कोई फैसला नहीं किया है।
गेहूं भेज सकता है भारत : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने कहा कि हमें यह जानकर दुख होता है कि पाकिस्तान में गेहूं 250 रुपए किलो बिक रहा है। अगर पाकिस्तान मदद मांगे तो भारत वहां गेहूं की आपूर्ति कर सकता है। उन्होंने कहा कि हम सर्वे भवन्तु सुखिन: में विश्वास करते हैं। भारत पाकिस्तान को 25 से 50 लाख टन गेहूं दे सकता है, लेकिन वह मांग नहीं रहा है।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार, जो कुछ सप्ताह पहले 2.9 अरब अमेरिकी डॉलर के निम्न स्तर तक गिर गया था, अब बढ़कर 4 अरब अमेरिकी डॉलर के करीब पहुंच गया है।