भारत के लिए खतरा है चीन का यह 'शस्त्र'

गुरुवार, 29 जून 2017 (16:36 IST)
बीजिंग। चीन ने अपनी सामरिक शक्ति में बढ़ोतरी करते हुए नया युद्धपोत डिस्ट्रॉयर बनाया है। इस डिस्ट्रायर में अति-विकसित हथियार लगे हैं। इसे पूरी तरह से चीन में ही बनाया गया है। चीन सेना की आधुनिकीकरण में विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए वह काफी खर्च भी कर रहा है। न्यू जनरेशन डिस्ट्रॉयर को शंघाई में आयोजित कार्यक्रम में प्रदर्शित किया गया। यह युद्धपोत अपने आपमें इस किस्म का पहला वॉरशिप है।
 
सरकारी समाचार एजेंसी 'शिन्हुआ ' के मुताबिक यह जहाज चीन के नई पीढ़ी के विध्वंसक जहाजों में से पहला है। यह नई वायु रक्षा प्रणाली, मिसाइल रोधी, पोत रोधी एवं पनडुब्बी रोधी हथियारों से लैस है। यह जहाज देश की नौसैन्य शस्त्र प्रणाली में सुधार और नौसेना को मजबूत एवं आधुनिक बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। योजना के अनुसार, जहाज पर कई परीक्षण किए जाएंगे। 
 
चीन का यह युद्धपोत भारत के प्रोजेक्ट (15बी 'विशाखापट्त्तटनम' क्लास युद्धपोत) से कहीं ज्यादा बड़ा और शक्तिशाली है, जिसे अभी तक भारतीय सेना में शामिल भी नहीं किया गया है। भारत के अत्याधुनिक युद्धपोतों का वजन पूरी तरह सशस्त्र कर दिए जाने पर 8,200 टन रहनेवाला है। भारत का युद्धपोत 50 मिसाइलों से लैस होगा तथा सतह से हवा में मार करने में सक्षम होगा, वहीं चीन के इस विशाल युद्धपोत पर कुल 120 मिसाइलें तैनात की जा सकेंगी। 
 
इनकी वजह से यह दुनिया के सबसे ज्यादा सशस्त्र युद्धपोतों में से एक होगा। गौरतलब है कि चीन ने पिछले पांच साल में कई नए आधुनिक युद्धपोत अपनी सेना में शामिल किए हैं। भारत के लिए चिंता की बात यह भी है कि एक ओर जहां भारत ने इस तरह के सात युद्धपोत बनाने की योजना बनाई है, वहीं चीन इस क्लास के कम से कम 18 युद्धपोतों की योजना पर काम कर रहा है।

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