यूनिवर्सिटी ऑफ शेफिल्ड के वैज्ञानिक आर्कटिक का अध्ययन कर रहे हैं।
यह क्षेत्र वैश्विक औसत के मुकाबले दोगुनी तेजी से गर्म हो रहा है। शोध में उन्होंने पाया कि यहां के पेड़-पौधे मर रहे हैं जिससे जलवायु परिवर्तन से लड़ने में आर्कटिक पारिस्थितिकी तंत्र की क्षमता में उल्लेखनीय कमी आ सकती है।