नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच हुए डोकलाम विवाद को लेकर आम धारणा यह रही है कि दोनों ओर से बहुत थोड़ी संख्या में सैनिक तैनात थे, लेकिन एक लेखक की किताब से यह तथ्य पता लगता है कि चीन ने सिक्किम के सामने ही पूरी एक डिवीजन से ज्यादा सैनिकों की तैनाती कर रखी थी। 12 हजार से ज्यादा सैनिकों की तैनाती के अलावा यह विवाद मई के महीने में ही शुरू हो चुका था, लेकिन चीनी पक्ष ने इसे 26 जून को सार्वजनिक किया था।
नितिन ए. गोखले की एक किताब ' सिक्योरिंग इंडिया द मोदी वे : पठानकोट, सर्जिकल स्ट्राइक एंड मोर' में बताया गया है कि सिक्कम के सामने बारह हजार से ज्यादा सैनिक, 150 टैंक्स और आर्टिलरी तोपें थीं। किताब में बताया गया है कि डोकलाम का विवाद मई के माह में शुरू हो चुका था जबकि चीनियों ने इसको 26 जून, 2017 को उजागर किया था।
यह साजो सामान चुम्बी घाटी में तैनात किया गया था और पुस्तक में डोकलाम में यूएवी से ली गई तस्वीरों को भी शामिल किया गया है। इस पुस्तक का प्रकाशन ब्लूम्सबरी प्रकाशन ने किया है और इसका लोकार्पण उप-राष्ट्रपति एम. वैकय्या नायडू ने पिछले शुक्रवार को नई दिल्ली में किया था। पुस्तक में सुरक्षा के मुद्दों पर मोदी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, एनएसए अजित डोभाल, उच्च सैन्य अधिकारियों के बयानों को शामिल किया गया है।