शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार जिनपिंग ने हर समय तैयार रहने के लिए वास्तविक युद्ध परिस्थितियों में ट्रेनिंग बढ़ाने को कहा। जिनपिंग ने कहा कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी को किसी भी सेकंड कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए और हर समय युद्ध की तैयारी रहनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अग्रिम टकरावों का इस्तेमाल सैन्य क्षमता बढ़ाने के लिए होना चाहिए और प्रशिक्षण में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ाया जाए।
सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (CMC) के पहले ऑर्डर में जिनपिंग ने वास्तविक युद्ध परिस्थितियों में प्रशिक्षण से सेना की मजबूती और जीतने की क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया। 1 जुलाई को पार्टी की 100वीं वर्षगांठ 'उत्कृष्ट प्रदर्शन' के साथ मनाने के लिए कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की सैन्य ताकत के रूप में पीएलए सीएमसी और सीपीसी के आदेशों को पूरी तरह लागू करे।
जिनपिंग ने कहा कि पीएए को ट्रेनिंग और युद्ध प्रक्रियाओं में नए उपकरणों, नई ताकतों और नए युद्ध क्षेत्रों का एकीकरण बढ़ाना चाहिए। जिनपिंग ने सेना को ये आदेश ऐसे समय पर दिए हैं, जब एलएसी पर भारत के साथ कई महीनों से तनाव चल रहा है। पिछले साल जून में हिंसक झड़प भी हुई थी। इसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे तथा कई चीनी सैनिक भी मारे गए थे। हालांकि उनकी संख्या का चीन ने अभी तक खुलासा नहीं किया है।
2012 में राष्ट्रपति और सीएमसी के प्रमुख बनने के बाद से जिनपिंग लगातार पीएलए को युद्ध के लिए तैयार करने में जुटे हैं। चीनी सेना को आधुनिक बनाने के लिए उन्होंने 2015 में एक बड़े अभियान की शुरुआत की थी, जो 2020 में पूरा हुआ। साउथ चाइना सी में अमेरिका को रोकने के लिए और ताइवान को डराने के लिए भी चीन ने युद्धाभ्यास को तेज कर दिया है। हालांकि भारतीय सैनिक भी चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं।