जोहानसबर्ग। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पद संभालने के बाद शायद पहली बार अफ्रीका महाद्वीप का खुलकर जिक्र किया है। लेकिन यह अफ्रीकी लोगों के लिए हैरान करने वाला रहा, क्योंकि उन्होंने ट्रंप से किसी आपत्तिजनक टिप्पणी की उम्मीद नहीं की थी।
ट्रंप ने गुरुवार को आपत्तिजनक जुबान का इस्तेमाल करते हुए सवाल किया था कि अमेरिका नार्वे जैसे देशों की बजाय हैती और अफ्रीका के 'मलिन (शिटहोल) देशों के और प्रवासियों को स्वीकार क्यों करेगा?' अफ्रीकी संघ ने कहा है कि वह ट्रंप की टिप्पणी से हैरान है। अफ्रीकी संघ की प्रवक्ता एबा कालोंडो ने कहा कि यह हमारे लिए हैरान करने वाला रहा, क्योंकि अमेरिका इस बात का वैश्विक उदाहरण रहा है कि प्रवासी लोग कैसे विविधता और अवसर के मजबूत मूल्यों पर आधारित एक देश बनाते हैं।
अफ्रीका को लेकर ट्रंप की टिप्पणी शर्मनाक : संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने कहा है कि अफ्रीका एवं कुछ अन्य देशों को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आपत्तिजनक टिप्पणी से बहुत सारे लोगों की जिंदगी को नुकसान पहुंच सकता है। मानवाधिकार कार्यालय के प्रवक्ता रूपर्ट कोलविल ने कहा, आप संपूर्ण देश और महाद्वीप को मलिन (शिटहोल) बताकर खारिज नहीं कर सकते।
कोलविल ने कहा कि अगर ट्रंप की टिप्पणी की पुष्टि हो जाती है तो यह बयान बहुत ही हैरान करने वाला और शर्मनाक है। उन्होंने कहा, मुझे माफ करिए, लेकिन इसके लिए नस्लवादी के सिवाय कोई दूसरा शब्द इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
प्रवक्ता ने कहा कि ट्रंप की कथित टिप्पणी से बहुत सारे लोगों की जिंदगी में खतरा पैदा हो सकता है। उन्होंने कहा, ट्रंप की टिप्पणी उन सार्वभौमिक मूल्यों के खिलाफ है जिनको स्थापित करने के लिए यह दुनिया प्रयास करती आई है।