अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा पीस प्लान पर फिर बयान दिया है। ट्रंप ने हमास को चेतावनी देते हुए कहा कि आपके पास शांति के लिए 3-4 दिन का समय है। नहीं माने तो दु:खद अंत निश्चित। इधर कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजेद अल-अंसारी ने मंगलवार को बताया कि फिलिस्तीनी क्षेत्र का सबसे प्रमुख इस्लामी चरमपंथी संगठन हमास, कतर और तुर्की के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की गाजा पट्टी में चल रहे युद्ध को समाप्त करने की योजना पर चर्चा कर रहा है। सोमवार को नेतन्याहू-ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में गाजा संकट को खत्म करने के इरादे से सहमति बनी। राष्ट्रपति ट्रंप के इस 20 प्वाइंट की डील में हमास के सामने कई शर्तें रखी गई हैं।
पसंद है टैरिफ शब्द
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर कहा है कि उन्हें टैरिफ शब्द पसंद है और इससे वह अमीर हो रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने हमास को भी अल्टीमेटम दे दिया है। उनका कहना है कि शांति की बातचीत के लिए हमास के पास चार दिन का वक्त है। 4 दिन के भीतर उन्हें इस पर जवाब देना है। इसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी।
मंगलवार को व्हाइट हाउस से निकलते समय उन्होंने पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा कि इजराइली और अरब नेताओं ने इस योजना को स्वीकार कर लिया है और "हम बस हमास का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उसके पास प्रतिक्रिया देने के लिए लगभग 'तीन या चार दिन' हैं। ट्रंप ने फिर दोहराया कि हमास या तो इसे लागू करेगा या नहीं, और अगर नहीं, तो इसका अंत बहुत दुखद होगा।
नेतन्याहू बोले- आईडीएफ नहीं छोड़ेगा गाजा
इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम के जरिए स्पष्ट किया कि आईडीएफ गाजा नहीं छोड़ेगा। अपनी अमेरिका यात्रा पर चर्चा करते हुए एक वीडियो बयान में, बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ट्रंप के साथ तैयार की गई योजना के तहत आईडीएफ 'अधिकांश क्षेत्र में बना रहेगा' और इजरायल फिलिस्तीन को मान्यता देने पर "बिल्कुल भी सहमत नहीं" है। नेतन्याहू ने कहा, "यह एक ऐतिहासिक यात्रा थी।
#WATCH | "I love tariffs. Most beautiful word... Tariff is my favourite word... We're becoming rich as hell... We've taken in trillions of dollars... When we finish this out, there'll never be any wealth like what we have. Other countries had been taking advantage of us for… pic.twitter.com/g4n1bA586X
हमास के कारण हमें अलग-थलग करने के बजाय, हमने पलटवार किया और हमास को अलग-थलग कर दिया। अब अरब और मुस्लिम जगत सहित पूरी दुनिया हमास पर उन शर्तों को स्वीकार करने का दबाव बना रही है जो हमने राष्ट्रपति ट्रंप के साथ मिलकर रखी थीं: हमारे सभी बंधकों को रिहा करना इसमें शामिल है, जबकि आईडीएफ अधिकांश क्षेत्र में बना रहेगा।"
सैन्य नेताओं के सामने फिर अलापा भारत-पाकिस्तान का राग
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एक बार फिर दावा किया कि उन्होंने परमाणु शक्ति संपन्न भारत और पाकिस्तान के बीच बहुत बड़े संघर्ष को सुलझाया था। ट्रंप ने क्वांटिको में सैन्य नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जब से हम यहां (पद पर) आए हैं, मैंने कई युद्ध सुलझाए हैं। हम लगभग नौ महीने से पद पर हैं, और मैंने सात युद्ध सुलझाए हैं। और कल हमने शायद उनमें से सबसे बड़े युद्ध को सुलझाया। हालांकि मुझे नहीं पता, पाकिस्तान (और) भारत (के बीच संघर्ष) बहुत बड़ा था, दोनों परमाणु शक्तियां हैं। मैंने इसे सुलझाया।
गाजा संघर्ष को समाप्त करने की सोमवार को घोषित अपनी योजना का जिक्र करते हुए, ट्रंप ने कहा कि हमने इसे सुलझा लिया है, मुझे लगता है कि यह सुलझा लिया गया है। देखते हैं। हमास को सहमत होना होगा, और अगर वे सहमत नहीं होते हैं, तो यह उनके लिए बहुत कठिन होगा, लेकिन जो है सो है। लेकिन सभी अरब राष्ट्र, मुस्लिम राष्ट्र, सहमत हो गए हैं।
गत 10 मई को, ट्रंप ने सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि वाशिंगटन की मध्यस्थता में एक लंबी बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं, तब से उन्होंने लगभग 50 बार यह दावा दोहराया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का समाधान निकालने में मदद की है।
पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र के मंच से विश्व नेताओं को संबोधित करते हुए, ट्रंप ने अपना यह दावा दोहराया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रोका था। भारत लगातार यह कहता रहा है कि पाकिस्तान के साथ सैन्य संघर्ष समाप्त करने पर सहमति दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी थी। एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma