ट्रंप के इस कदम से अमेरिका और उसके साझेदारों तथा प्रतिद्वंद्वी देशों के बीच व्यापक आर्थिक गतिरोध पैदा होने की आशंका जताई जा रही है। ओवल ऑफिस में आदेश पर हस्ताक्षर के बाद ट्रंप ने कहा कि मैंने व्यापार संतुलन कायम करने के इरादे से पारस्परिक शुल्क वसूलने का फैसला लिया है। यह सबके लिए उचित है। कोई भी अन्य देश शिकायत नहीं कर सकता।
ट्रंप चीन के आयात पर पहले ही 10 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगा चुके हैं। उन्होंने अमेरिका के दो सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों-कनाडा और मेक्सिको पर भी शुल्क लगाने की तैयारी कर ली है, जो 30 दिनों के लिए निलंबित रहने के बाद मार्च में प्रभावी हो सकते हैं।
भारत के लिए स्पेशल टैरिफ : हालांकि इस आदेश पर साइन करने के बाद भी ट्रंप का भारत के प्रति रूख नरम नजर आ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पीएम मोदी से टैरिफ पर हुई बात, स्पेशल टैरिफ लागू होगा। टैरिफ को लेकर दोनों नेताओं ने समग्र संदर्भ में इन मुद्दों को संबोधित करने के तरीकों और साधनों पर चर्चा की। उन्होंने अपनी-अपनी टीमों के एक साथ मिलकर काम करने, पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते पर काम करने, इन चिंताओं को दूर करने और इस साल के अंत से पहले इस तरह के समझौते को समाप्त करने का निर्देश दिया है।
भारत को कब और क्या होगा फायदा : ट्रंप के स्पेशल टैरिफ लागू करने के एलान से पते चलता है कि भारत अमेरिका के लिए कितना खास है। ट्रंप के लिए अमेरिका फर्स्ट है तो मोदी के लिए भारत। भारत को स्पेशल टैरिफ का फायदा इस साल के अंत में समझौते को अंतिम रूप दिए जाने के बाद ही मिलेगा। स्पेशल टैरिफ के रूप में कितना फायदा मिलेगा यह भी उस समय ही पता चल सकेगा।