मैक्सिको में भूकंप से तबाही, 139 की मौत

Webdunia
बुधवार, 20 सितम्बर 2017 (07:16 IST)
मैक्सिको सिटी। मैक्सिको के मध्य में मंगलवार को 7.1 तीव्रता का भूकंप आया जिससे कम से कम 139 लोगों की मौत हो गई और कई इमारतें धराशायी हो गईं। भूकंप की वजह से दहशत में आए लोग सड़कों पर निकल आए। मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।
 
घनी आबादी वाली मैक्सिको सिटी और आसपास के राज्यों में भूकंप की वजह से देखते ही देखते कई इमारतें ध्वस्त हो गईं और हर ओर मलबा नजर आने लगा।
 
मेयर मिगुएल एंजल मानसेरा ने बताया कि अकेले राजधानी में 44 जगहों पर इमारतें ध्वस्त हुई हैं। बचाव कर्मी मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए प्रयासरत हैं। शहर के दक्षिण में एक प्राथमिक स्कूल की इमारत आंशिक रूप से ध्वस्त हो गई। बचाव कर्मी वहां देख रहे हैं कि कहीं कोई बच्चा मलबे में तो नहीं फंसा है। कुछ परिजन का कहना है कि उन्हें अंदर फंसी दो लड़कियों के व्हाट्सएप संदेश मिले हैं।
 
मैक्सिको में वर्ष 1985 में इसी तारीख को भीषण भूकंप आया था जिसमें हजारों लोग मारे गए थे। इस भूकंप से ठीक दो सप्ताह पहले देश के दक्षिण में आए एक अन्य शक्तिशाली भूकंप में 90 लोग मारे गए थे।
 
राष्ट्रीय असैन्य रक्षा एजेंसी के प्रमुख लुइस फेलिप पुएन्टे ने मंगलवार की रात एक ट्वीट कर पुष्टि की कि भूकंप में 139 लोगों की मौत हो गई है।
 
उन्होंने ट्वीट में कहा कि मैक्सिको सिटी के दक्षिण में मोरेलास राज्य में 64 लोगों की मौत हुई है। स्थानीय अधिकारियों ने यहां मृतक संख्या 54 बताई है। पुएन्टे ने बताया कि इसके अलावा राजधानी में 36 लोग, पुएब्ला राज्य में 29 लोग, मैक्सिको राज्य में नौ और गुएरेरो राज्य में एक व्यक्ति की मौत हुई है।
 
मानसेरा ने बताया कि मैक्सिको सिटी में नागरिकों और आपात सहायता कर्मियों ने 50 से 60 लोगों को जीवित निकाला है। अधिकारियों ने बताया कि राजधानी में कम से कम 70 घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है।
 
 

संघीय गृह मंत्री मिगुएल एंजेल ओसोरियो चोंग ने बताया कि अधिकारियों को अब भी मलबे में कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। उन्होंने बताया कि मलबे की प्रकृति की वजह से खोज अभियान की गति धीमी है। ठीक 32 साल पहले यहां भीषण भूकंप आया था, जिसमें हज़ारों लोगों की मौत हुई थी। (वार्ता)
संघीय गृह मंत्री मिगुएल एंजेल ओसोरियो चोंग ने बताया कि अधिकारियों को अब भी मलबे में कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। उन्होंने बताया कि मलबे की प्रकृति की वजह से खोज अभियान की गति धीमी है। (भाषा) 

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