मोरक्को में भूकंप से तबाही, 296 से ज्यादा की मौत

शनिवार, 9 सितम्बर 2023 (08:12 IST)
morocco earthquake : मोरक्को में शनिवार सुबह भूकंप का तगड़ा झटका महसूस किया गया। भूकंप से देश में तबाही मच गई। भूकंप की वजह से कई इमारतें धराशाई हो गई। मीडिया खबरों के अनुसार, अब तक 296 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
 
भारतीय समयानुसार सुबह 3.41 पर आए इस भूकंप से हड़कप मच गया। दहशत के मारे लोग घरों से बाहर निकल आए।

यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.8 मापी गई। भूकंप का केंद्र मारकेश से 71 किलोमीटर दूर 18.5 किलोमीटर की गहराई पर था। देश में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मोरक्को में भीषण भूकंप में लोगों की मौत पर शनिवार को शोक व्यक्त किया और कहा कि भारत इस मुश्किल वक्त में उसे हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।
 

"Extremely pained by the loss of lives due to an earthquake in Morocco. In this tragic hour, my thoughts are with the people of Morocco. Condolences to those who have lost their loved ones. May the injured recover at the earliest. India is ready to offer all possible assistance… pic.twitter.com/Su2AcfOEwg

— Press Trust of India (@PTI_News) September 9, 2023
कैसे आता है भूकंप? : हमारी धरती मुख्य तौर पर 4 परतों से बनी हुई है- इनर कोर, आउटर कोर, मैन्टलऔर क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत वर्गों में बंटी हुई है जिन्हें टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं। लेकिन जब ये बहुत ज्यादा हिल जाती हैं तो भूकंप आ जाता है। ये प्लेट्स क्षैतिज और उर्ध्वाधर दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इसके बाद वे अपनी जगह तलाशती हैं और ऐसे में एक प्लेट, दूसरी के नीचे आ जाती है।
 
कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता? : भूकंप की तीव्रता मापने के लिए रिक्टर स्केल का पैमाना इस्तेमाल किया जाता है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। भूकंप की तरंगों को रिक्टर स्केल 1 से 9 तक के आधार पर मापता है। रिक्टर स्केल पैमाने को सन् 1935 में कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी में कार्यरत वैज्ञानिक चार्ल्स रिक्टर ने बेनो गुटेनबर्ग के सहयोग से खोजा था।
 
इस स्केल के अंतर्गत प्रति स्केल भूकंप की तीव्रता 10 गुना बढ़ जाती है और भूकंप के दौरान जो ऊर्जा निकलती है, वह प्रति स्केल 32 गुना बढ़ जाती है। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि 3 रिक्टर स्केल पर भूकंप की जो तीव्रता थी, वह 4 स्केल पर 3 रिक्टर स्केल का 10 गुना बढ़ जाएगी। रिक्टर स्केल पर भूकंप की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 8 रिक्टर पैमाने पर आया भूकंप 60 लाख टन विस्फोटक से निकलने वाली ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है।
 
भूकंप को मापने के लिए रिक्टर के अलावा मरकेली स्केल का भी इस्तेमाल किया जाता है, पर इसमें भूकंप को तीव्रता की बजाए ताकत के आधार पर मापते हैं। इसका प्रचलन कम है, क्योंकि इसे रिक्टर के मुकाबले कम वैज्ञानिक माना जाता है। भूकंप के कारण होने वाले नुकसान के लिए कई कारण जिम्मेवार हो सकते हैं, जैसे घरों की खराब बनावट, खराब संरचना, भूमि का प्रकार, जनसंख्या की बसावट आदि।
Edited by : Nrapendra Gupta 

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