इस्लामाबाद। पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में मंगलवार रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। स्वात घाटी के खैबर पखतुनवा इलाके में भूकंप से 11 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
क्यों आता है भूकंप?
लाहौर, इस्लामाबाद, पेशावर, झेलम, रावलपिंडी, शेखूपुरा, स्वात, नौशेरा, मुल्तान, स्वात, शांगला सहित विभिन्न स्थानों पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। गुजरांवाला, सियालकोट, कोट मोमिन, मढ़ रांझा, चकवाल, कोहाट और गिलगित-बल्तिस्तान इलाकों में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए।
मीडिया खबरों के अनुसार, प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने आपदा प्रबंधन अधिकारियों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है। संघीय स्वास्थ्य मंत्री अब्दुल कादिर पटेल के निर्देश पर संघीय राजधानी के अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित की गई है।
भूकंप के झटके भारत, अफगानिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान चीन समेत कई देशों में भी महसूस किए गए। दिल्ली-NCR, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर और पंजाब में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।
दुनिया के 10 बड़े भूकंप
6 फरवरी 2023 तुर्किए एवं सीरिया में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप में 50 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
पृथ्वी पर अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप 22 मई 1960 को चिली में आया था। इस भूकंप की तीव्रता 9.5 मापी गई थी। इससे 10 मिनट तक जमीन हिलती रही। इस भूकंप में करीब 6000 लोगों की मौत हुई थी।
16 दिसंबर 1920 को चीन के हाईयुआन में 7.8 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया था। इसमें 2,00,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
1 सितंबर 1923 को जापान के कांतो में 7.9 तीव्रता का भूकंप आया था। इस भूकंप से भयानक तबाही हुई एवं 1,42,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई।
28 मार्च 1964 को अलास्का में आए 9.2 तीव्रता के भूकंप को अब तक का दूसरा सबसे बड़ा भूकंप माना जाता है। इस भूकंप से 250 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
27 जुलाई 1976 को चीन के तांगशान में शक्तिशाली भूकंप आया था, 7.5 की तीव्रता वाले इस भूकंप में 2,40,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
17 अगस्त 1999 को तुर्की (अब तुर्किए) में 7.5 तीव्रता का भूकंप आया था। इसमें 17,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
26 दिसंबर 2004 को इंडोनेशिया के सुमात्रा में 9.1 की तीव्रता से आया था। इसमें 2,27,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। थाईलैंड, भारत, श्रीलंका समेत करीब 14 देशों पर इस भूकंप और सुनामी का असर पड़ा था।
12 जनवरी 2010 को हैती में शक्तिशाली भूकंप आया। 7.0 तीव्रता वाले इस भूकंप में करीब 3,16,000 लोगों की मौत हुई थी।
25 अप्रैल 2015 को नेपाल में 7.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था। इसमें करीब 9000 लोगों की मौत हुई थी।