डीएचएस ने एक बयान में कहा कि जन सुरक्षा को लेकर कोई खतरा नहीं है। एजेंसी ने कहा कि हैकर्स परमाणु सुविधाओं के व्यापारिक और प्रशासनिक नेटवर्क को भेदने की कोशिश में लगे हुए हैं। हालांकि डीएचएस ने इन केंद्रों की पहचान नहीं की है। डीएचएस और एफबीआई नियमित रूप से इन संभावित साइबर खतरों को लेकर आगाह करते रहते हैं।