गोएस के मानवाधिकार आयोग के वकील गिलीस सबैस्टियन गोम्ज ने बताया कि यह दंगा उस वक्त शुरू हुआ जब अधिकारी कुछ कैदियों को एक कोठरी से दूसरी कोठरी में स्थानांतरित कर रहे थे। गोम्ज नाबालिगों के परिजनों के संपर्क में हैं और उन्होंने बताया कि इस जेल की क्षमता केवल 50 लोगों की है, लेकिन इसमें 80-90 लोगों को रखा जाता है।
उन्होंने कहा, कोठरियां छोटी हैं, इनमें क्षमता से अधिक कैदियों को रखा गया है और यहां कर्मचारियों की भी भारी कमी है। सरकार ने मामले की जांच कराने और मृतकों के परिजनों को सहायता देने की घोषणा की है। (भाषा)