कार्डिनल राइनहार्ड मार्क्स ने कहा कि वे भरोसे को चकनाचूर करने वाले दशकों के उत्पीड़न और इतने लोगों द्वारा इनकी अब तक की गई अनदेखी पर शर्मिंदा हैं। जर्मन बिशप्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख ने यह शर्मिंदगी तब जाहिर की जब संस्था ने एक सनसनीखेज रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें बताया गया है कि जर्मनी में 1946 और 2014 के बीच करीब 3,700 नाबालिगों, जिनमें ज्यादातर लड़के थे, का यौन उत्पीड़न किया गया।
रिपोर्ट लिखने वाले शख्स ने कहा कि यह आंकड़ा तो पूरे आंकड़े का एक हिस्सा भर है। मैनहेम मनोवैज्ञानिक संस्थान के प्रोफेसर हेराल्ड ड्रेसिंग ने कहा कि कैथलिक चर्च में यौन दुर्व्यवहार एक सतत समस्या है और कोई ऐतिहासिक समस्या नहीं है। प्रोफेसर ने बिशप्स कॉन्फ्रेंस की ओर से कराए गए शोध में समन्वय का काम किया था। (वार्ता)