पाकिस्तान में लोग भूख-प्यास से मर रहे हैं तो कुछ पाकिस्तानी दूसरे देशों में खून बहाने के लिए मचल रहे हैं। ग्रीस के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने 28 मार्च को 2 ऐसे पाकिस्तानी आतंकवादियों को धरदबोचा, जो राजधानी एथेंस के एक प्रसिद्ध यहूदी रेस्तरां में जमकर खून-खराबा करने के लिए वहां पहुंचे थे।
एक वक्तव्य में एथेंस की पुलिस ने कहा कि वे न केवल निर्दोष नागरिकों को मार डालना चाहते थे, बल्कि सार्वजनिक संस्थाओं को हानि पहुंचाते हुए ग्रीस में असुरक्षा की भावना पैदा करना और उसके अंतरराष्ट्रीय संबंधों को खतरे में भी डालना चाहते थे।
ग्रीक अधिकारियों ने अमेरिकी समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (AP) को बताया कि दोनों पाकिस्तानी कम से कम 4 महीनों से ग्रीस में थे। वे पड़ोसी देश तुर्की के रास्ते से अवैध रूप से ग्रीस पहुंचे थे। दोनों की गिरफ्तारी के साथ ही ग्रीक पुलिस ने राजधानी एथेंस में और देश के एक पश्चिमी द्वीप जाकीन्तोस सहित कई दूसरी जगहों पर भी ऐसे लोगों का पता लगाने का अभियान छेड़ा जिनका इन दोनों आतंकवादियों के साथ कोई संबंध हो सकता है।
समझा जाता है कि दोनों का कम से कम एक तीसरा साथी भी था, जो पुलिस से बच-बचाकर भाग निकलने में सफल हो गया। यह भी कहा जा रहा है कि दोनों पाकिस्तानी पश्चिमी देशों में आतंकवादी हमले करने के लिए बने एक नेटवर्क के सदस्य हैं।
सूत्रधार ईरान में बैठा हुआ है
इन दोनों पाकिस्तानियों की आयु 27 और 29 साल बताई जा रही है, पर उनका नाम नहीं बताया गया है। उनके आका या सूत्रधार ईरान में बैठे हुए बताए जा रहे हैं। दोनों से हुई पूछताछ से पुलिस को ऐसा मानने के कई कारण मिले हैं कि उन्हें एथेंस के खाबाद हाउस नाम के यहूदी रेस्तरां को अपने आतंकवादी हमले का निशाना बनाना था। यह रेस्तरां न केवल एक प्रसिद्ध रेस्तरां है बल्कि एथेंस और ग्रीस में रहने वाले यहूदियों तथा अन्य देशों से वहां घूमने आए यहूदी पर्यटकों का एक सर्वप्रिय मिलन स्थल और सिनागोग (पूजास्थल) भी है।
मंगलवार 28 मार्च को दोनों पाकिस्तानियों की गिरफ्तारी के तुरंद बाद इसराइल के प्रधानमंत्री बेन्जामिन नेतन्याहू ने कहा कि उनके देश की जगप्रसिद्ध गुप्तचर सेवा 'मोसाद' ने इस गिरफ्तारी में ग्रीस की सहायता कर एक से अधिक आतंकवादी हमलों के होने को रोका है। नेतन्याहू के कार्यालय ने एक वक्तव्य जारी कर बताया कि इस सारे गोरखधंधे में ईरान का गंदा हाथ है।
'मोसाद' ने आवश्यक जानकारियां दीं
वक्तव्य के अनुसार संदिग्धों की ग्रीस में जांच-पड़ताल शुरू होते ही 'मोसाद' ने (नेटवर्क के) ढांचे, उसके काम के तौर-तरीके और ईरान के साथ जुड़ाव के बारे में गोपनीयता का पर्दा उठाने वाली जानकारियां देकर सहायता की। जांच से सामने आया कि ग्रीस में जो ढांचा काम कर रहा है, वह कई देशों तक फैला हुआ ईरान के एक लंबे-चौड़े नेटवर्क का हिस्सा है। एथेंस में हमले का उद्देश्य निर्दोष लोगों की केवल जान लेना ही नहीं था बल्कि देश में असुरक्षा की भावना फैलाना भी था।
ईरान में बैठा एक पाकिस्तानी ही सूत्रधार है
एथेंस पहुंचे पाकिस्तानियों को ईरान में बैठा एक पाकिस्तानी ही यह आदेश दिया करता था कि उन्हें कब, कहां क्या करना है और कब नहीं? यह बात ईरान में बैठे सूत्रधार और ग्रीस पहुंचे पाकिस्तानियों के बीच मोबाइल फोन पर हुई बातचीत के विश्लेषण से सामने आई। तय हुआ था कि खाबाद हाउस पर हमला यहूदियों के 'पसाख' उत्सव के दौरान होगा। इस वर्ष यह त्योहारी उत्सव 5 से 13 अप्रैल के बीच मनाया जाना है। इसे मनाने के लिए खाबाद हाउस में ढेर सारे यहूदी एकत्रित होते हैं।
हर यहूदी लाश के बदले में 15-15 हजार यूरो पुरस्कार
शुरू-शुरू में योजना यह थी कि दोनों पाकिस्तानी आतंकवादी स्वचालित हथियारों के साथ खाबाद हाउस में घुस जाएंगे और अपने हथियारों से वहां उपस्थित लोगों पर धुआंधार गोलियां बरसाकर उन्हें भून देंगे। बुधवार, 29 मार्च को ग्रीस के मीडिया ने पुलिस का उल्लेख करते हुए बताया कि ईरान में बैठे सूत्रधार ने दोनों आतंकवादियों से कहा कि हर यहूदी लाश के बदले में उन्हे 15-15 हजार यूरो पुरस्कार में मिलेंगे।
किंतु ऐसा लगता है कि दोनों पाकिस्तानी आवश्यक स्वचालित हथियार जुटा नहीं पाए इसलिए उन्होंने गैस सिलिंडर जुटाने और उनके विस्फोट द्वरा खाबाद हाउस रेस्तरां की पूरी बिल्डिंग को उड़ा देने की योजना बनाई।
लेकिन इसराइली गुप्तचर सेवा 'मोसाद' को समय रहते इसकी भनक लग गई और उसने ग्रीस के अधिकारियों को तुरंत सजग कर दिया इसीलिए 5 अप्रैल को यहूदियों का 'पसाख' उत्सव शुरू होने से ठीक 10 दिन पहले दोनों पाकिस्तानी आतंकवादियों के हाथों की बंदूकों या बमों से एथेंस में भयंकर खून-खराबा होने के बदले