रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में आतंकवाद से होने वाली मौतों में 45 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2023 में 748 मौतों की तुलना में 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 1,081 हो गया। यह आकंड़े वैश्विक स्तर पर आतंकवाद से मौत में सबसे तेज वृद्धि में से एक हैं। पाकिस्तान में आतंकी हमलों की संख्या भी वर्ष 2023 में 517 से बढ़कर 2024 में 1,099 हो गई। यह संख्या पहली बार 1,000 का आंकड़ा पार कर गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान लंबे समय से यह दावा करता रहा है कि प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और अन्य आतंकवादी संगठन अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल पाकिस्तान में हमले करने के लिए कर रहे हैं। रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि पाकिस्तान में आतंकवाद में बढ़ोतरी और काबुल में अफगान तालिबान के सत्ता में आने के बीच महत्वपूर्ण संबंध है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि टीटीपी देश में सबसे घातक आतंकवादी समूह बना हुआ है जो आतंकवाद से संबंधित सभी मौतों में से 52 फीसदी के लिए जिम्मेदार है। प्रतिबंधित संगठन टीटीपी ने वर्ष 2024 में कुल 482 हमले किए जिनमें 558 लोग मारे गए। बीते वर्ष के मुकाबले टीटीपी के हमलों की संख्या दोगुनी हो गई, वहीं मौतों में 90 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।
रिपोर्ट के अनुसार, 'अफगान तालिबान के वर्ष 2021 में सत्ता में लौटने के बाद से टीटीपी को अधिक स्वतंत्रता और सीमा पार सुरक्षित ठिकाने मिले हैं जिससे इसे हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने की खुली छूट मिल गई है।'
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि पाकिस्तान में आतंकवाद से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा रहे। यह दोनों क्षेत्र अफगानिस्तान की सीमा से लगे हैं। वर्ष 2024 में पाकिस्तान में 96 फीसदी से अधिक आतंकी हमले और मौतें इन्हीं प्रांतों में दर्ज किए गए। प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) द्वारा वर्ष 2024 में किए गए सबसे घातक आतंकी हमले का जिक्र किया गया है। इस हमले में क्वेटा रेलवे स्टेशन पर एक आत्मघाती हमलावर ने कम से कम 25 नागरिकों और सैनिकों की जान ले ली थी।
जियो न्यूज के मुताबिक, बीएलए और अन्य संगठनों द्वारा किए गए हमलों में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इन संगठनों के हमले वर्ष 2023 में 116 से बढ़कर वर्ष 2024 में 504 हो गए। इन हमलों में होने वाली मौतों की संख्या चार गुना बढ़कर 388 हो गईं जो 2023 में 88 थीं। (भाषा)