साल 2013 में यूक्रेन के कीव शहर का एक एटीएम अचानक दिन में अपने आप पैसा उगलने लगा। यह किसी के एटीएम को छूने या क्षति पहुंचाने से नही हुआ था, बल्कि एटीएम बेतरतीब अपने आप पैसे उगल रहा था। एटीएम में लगे कैमरे में यह दिखाया गया।
वह वायरस महीनों तक बैंक के कम्प्यूटर में रहा और इस दौरान बैंक में होने वाली हर जानकारी ऑडियो, वीडियो और इमेज के माध्यम से साइबर अपराधियों को भेजता रहा। इसके बाद अपराधियों ने दुनिया भर के बैंकों में सेंध लगाना शुरू की और दुनिया भर के बैंकों से अपने डमी अकाउंट में कई बिलियन रुपए ट्रांसफर कर लिए।
ये साइबर अपराधी इतनी सफाई से चोरी करते हैं कि इसके पीछे कोई सुरीग नहीं छोड़ते। हालांकि जिन बैंकों में यह चोरी रिपोर्ट की गई है। वे खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। लेकिन, जिस प्रकार से दुनिया में चोरी का सिलसिला बढ़ रहा है उसने साइबर सिक्योरिटी की साख पर बट्टा लगा दिया है।