Hajj Pilgrimages Death : हाल ही में सऊदी अरब में हज पर जाने वाले यात्रियों की बड़ी संख्या में मौत हो गई है। मरने वालों में 98 लोग भारत के भी थे। आंकड़ों के मुताबिक 1300 से ज्यादा हज यात्रियों ने अपनी जान गंवा दी है। बताया जा रहा है कि इन मौतों के पीछे गर्मी है। बता दें कि पिछले हफ्ते सऊदी के शहर मक्का का तापमान 51.8 (125 डिग्री फारेनहाइट) पहुंच गया था। चौंकाने वाली बात है कि मरने वाले हज यात्रियों में ज्यादातर लोग अनाधिकृत तरीके से सऊदी गए थे। इसका खुलासा खुद सऊदी की प्रेस एजेंसी ने किया है।
83 फीसदी यात्री अनाधिकृत : सऊदी सरकार के द्वारा दिए गए आंकड़ों की मानें तो मरने वालों में 83 फीसदी लोग अनाधिकृत तरीके से हज यात्रा करने पहुंचे थे। इन लोगों के खाने और ठहरने का उचित इंतजाम नहीं था। वहीं लंबी दूरी से धूप में सफर तय करने की वजह से कई लोगों की मौत हो गई। सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्री फहद-अल-जलाजेल का कहना है कि इस साल हज प्रबंधन काफी सफल रहा है। इस दौरान 465,000 से ज्यादा हज यात्रियों का उपचार किया गया था। इनमें 141,000 हज यात्री ऐसे भी शामिल हैं, जिन्हें हज के लिए आधिकारिक अनुमति नहीं मिली थी।
क्या है मौत की वजह : दरअसल सऊदी अरब हज यात्रा के लिए हर साल कोटा सिस्टम फॉलो करता है। इस सिस्टम के तहत सभी देशों को हज यात्रा के लिए कोटा निर्धारित होता है। जिसके अनुसार हज यात्रियों को सऊदी रवाना किया जाता है। कोटा सिस्टम के अलावा सऊदी अरब हज यात्रा के लिए लॉटरी सिस्टम भी निकालता है। इसी लॉटरी के माध्यम से कई प्राइवेट ट्रैवल एजेंट्स बिना परमिट के मुस्लिमों को हज पर भेज देते हैं। ऐसे में पकड़े जाने पर हज यात्रियों को गिरफ्तार और निर्वासित भी किया जा सकता है। सऊदी सरकार का कहना है कि लॉटरी की मदद से हज यात्रा पर पहुंचे लोगों के रहने का ठिकाना नहीं होता। वहीं भीषण गर्मी में लंबी दूरी तय करने की वजह से उनकी जान चली गई।
98 भारतीयों की गई जान : इस साल हज यात्रा की शुरुआत 14 जून से हुई थी। आंकड़ों की मानें तो 1.6 मिलियन विदेशियों ने हज यात्रा में हिस्सा लिया था। हालांकि मक्का का तापमान बढ़ने के कारण यात्रियों की जान पर बन आई। इस दौरान मिस्त्र के 300 लोग, इंडोनेशिया के 140 लोग और भारत के 98 लोगों की मौत हुई है। मिस्त्र सरकार ने एक्शन लेते हुए 16 पर्यटन कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं।
Edited By Navin Rangiyal