ट्रंप ने ओबामा पर की शर्मनाक टिप्पणी, हिलेरी नाराज

बुधवार, 15 जून 2016 (12:18 IST)
वॉशिंगटन। राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने बुधवार को अपने रिपलब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रम्प की उन शर्मनाक टिप्पणियों के लिए उनकी आलोचना की जिनमें ट्रंप ने कथित तौर पर कहा था कि राष्ट्रपति बराक ओबामा आतंकियों का पक्ष ले रहे हैं।
 
हिलेरी ने पिट्सबर्ग में अपने समर्थकों से कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प जो कह रहे हैं, वह शर्मनाक है। यह मरने वाले और घायल होने वाले लोगों के लिए और उनके परिवारों के लिए अपमानजनक है। इस बात के और अधिक प्रमाण मिल गए हैं कि वे कमांडर-इन-चीफ बनने के लिए स्वभावगत तौर पर अनुपयुक्त और पूरी तरह अयोग्य हैं।
 
फॉक्स न्यूज को दिए साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा था कि लोग इस बात पर यकीन नहीं कर सकते कि राष्ट्रपति ओबामा अपने तरीके से काम कर रहे हैं और वे चरमपंथी इस्लामी आतंकवाद शब्दों का जिक्र तक नहीं करते। 
 
तीखे तेवरों वाले अपने भाषण में हिलेरी ने रिपब्लिकन नेतृत्व से अपील की कि वह इस खतरनाक भाषणबाज को फटकार लगाए।
 
हिलेरी ने कहा कि क्या जिम्मेदार रिपब्लिकन नेता अपने संभावित उम्मीदवार के सामने खड़े होंगे या वे उनके द्वारा हमारे राष्ट्रपति पर लगाए गए आरोप के साथ खड़े होंगे? इस समय हम जो कुछ भी करेंगे, इतिहास उसे याद रखेगा। अमेरिकियों को साजिश की कहानियों और बीमारू ढंग से खुद को ही मुबारकबाद देते रहने की जरूरत नहीं है। हमें नेतृत्व, विवेक और ठोस योजनाएं चाहिए। 
 
हिलेरी ने कहा कि निश्चित तौर पर ट्रंप बर्थर मूवमेंट के नेता हैं जिसने यह झूठ फैलाया था कि राष्ट्रपति ओबामा का जन्म अमेरिका में नहीं हुआ। मुझे लगता है उन्हें यह याद दिलाया जाना चाहिए था कि हवाई अमेरिका का ही हिस्सा है।
 
ट्रंप पर चरमपंथी इस्लाम शब्दों से चिपके रहने का आरोप लगाते हुए हिलेरी ने पूछा कि क्या रिपब्लिकन नेता यह कह रहे हैं कि ये ऐसे जादुई शब्द हैं जिन्हें एक बार बोल दिए जाने से आतंकियों का अमेरिका आना बंद हो जाएगा?
 
उन्होंने कहा कि ट्रंप हर बार की तरह नाम से बुलाए जाने को लेकर आसक्त हैं। मेरे ख्याल से महत्वपूर्ण यह नहीं है कि हम क्या कहते हैं, महत्वपूर्ण यह है कि हम क्या करते हैं? अंत में इस बात से फर्क नहीं पड़ा कि हमने बिन लादेन को क्या कहकर पुकारा, महत्वपूर्ण यह था कि हमने उसे पकड़ लिया।
 
हिलेरी ने कहा कि मैंने स्पष्ट रूप से कहा है कि हमारे सामने ऐसे आतंकी दुश्मन हैं, जो इस्लाम के विकृत स्वरूप का इस्तेमाल निर्दोष लोगों की हत्या को उचित ठहराने में करते हैं। हमें उन्हें रोकना है और हम उन्हें रोकेंगे। 
 
उन्होंने कहा कि तो अगर डोनाल्ड कहते हैं कि हम इस खतरे को वे नहीं कह रहे हैं, जो वह है तो इसका अर्थ यह है कि वे सुन ही नहीं रहे हैं। लेकिन मैं किसी पूरे धर्म को दानव के रूप में पेश नहीं करूंगी और न ही पूरे धर्म के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दूंगी। (भाषा) 
 

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