इस्लामाबाद। पाक प्रधानमंत्री इमरान खान इन दिनों भारी मुसीबत में हैं। पिछले 1 साल में पाकिस्तानी रुपए की कीमत अमेरिकी डॉलर के सामने 25 फीसदी तक गिर गई है, वहीं कराची शेयर बाजार में निवेशकों के 1 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपए डूब चुके हैं।
पाक के ताजा आंकड़े बताते हैं कि ज्यादातर इंडस्ट्री डूबने की कगार पर हैं। ऐसे में कंगाल पाक अर्थव्यवस्था को एक और झटका लग सकता है। दूसरी ओर एफएटीएफ की ओर से भी पाकिस्तान को झटका लगा है। एफएटीएफ टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखती है तथा यह अंतरराष्ट्रीय संस्था है। इससे पाकिस्तान के ब्लैक लिस्टेड होने का खतरा बढ़ गया है और उसको आईएमएफ से मिलने वाले 6 अरब डॉलर के कर्ज पर भी रोक लगाई जा सकती है।
पाक का कर्ज 10 साल में 6,000 अरब पाकिस्तानी रुपए से बढ़कर 30 हजार अरब पाकिस्तानी रुपए तक पहुंच गया है। यह कर्ज पाक के कुल जीडीपी का 91.2 प्रतिशत है। परिणामस्वरूप अमेरिकी डॉलर की कमी हो गई तथा महंगाई आसमान छू रही है तथा यह 1 साल में 11 फीसदी हो गई है। पाकिस्तान पर डिफॉल्टर होने का खतरा भी मंडरा रहा है।