भारत बन सकता है 2028 से पहले ही 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
मंगलवार, 16 जनवरी 2024 (21:35 IST)
India can become a 5 trillion dollar economy even before 2028 : केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने मंगलवार को कहा कि भारत 2028 से काफी पहले ही 5,000 अरब डॉलर (5 trillion dollar) की अर्थव्यवस्था बन सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि देश की बड़ी आबादी के हितों की रक्षा के लिए ऊर्जा बदलाव को व्यवस्थित तरीके से किए जाने की जरूरत है।
 
भारत सभी लक्ष्यों को समय पर पूरा करेगा : पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री पुरी ने कहा कि भारत पर्यावरण को लेकर अपनी प्रतिबद्धताओं से अवगत है और बढ़ती अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करते हुए सभी लक्ष्यों को समय पर पूरा करेगा। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक 2024 के दौरान 'स्थायी आर्थिक वृद्धि के लिए भारत के ऊर्जा बदलाव को गति' विषय पर सीआईआई-ईवाई के सत्र में उन्होंने यह बात कही।
 
मंत्री ने विभिन्न वृहद आर्थिक मापदंडों का उल्लेख करते हुए कहा कि मुझे नहीं लगता कि हमें 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए 2028 तक का इंतजार करने की जरूरत है। आप अगर मौजूदा स्थिति पर गौर करें तो यह 2028 से काफी पहले हो जाना चाहिए।
 
पुरी ने कहा कि मेरा मानना है कि ऊर्जा बदलाव व्यवस्थित होना चाहिए। इसमें सभी सुरक्षा उपाय होने चाहिए, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी निर्णय बिना सोच-विचार न लिया जाए। यह भारत जैसे देश के लिए और भी महत्वपूर्ण है, जो अब दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश भी है।
 
4,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के करीब : मंत्री ने कहा कि जब ऊर्जा की बात आती है तो आर्थिक वृद्धि और ऊर्जा के बीच संबंध बहुत महत्वपूर्ण है। अब हम 4,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के करीब हैं लेकिन तथ्य यह है कि हमें अपनी आबादी के एक बड़े हिस्से का ख्याल रखने की जरूरत है।
 
पुरी ने कहा कि घरेलू बाध्यताओं का ध्यान रखे बिना परिवर्तन की आवश्यकता के बारे में सिद्धांत बनाना एक बात है। जहां तक ​​भारत का सवाल है, उपलब्धता और ऊर्जा संसाधन महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि हम अपनी कच्चे तेल की जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा आयात करते हैं।
 
हरित हाइड्रोजन नीति व्यापक तौर पर होगी सफल : उन्होंने कहा कि दुनिया जिन विभिन्न संकट का सामना कर रही है, उसे देखते हुए भारत में जिस तरीके से लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार है, उसे यह भी ध्यान रखना होगा, चीजें किफायती हों। उसके बाद पर्यावरण आता है और हम उसके लिए भी पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि ऊर्जा बदलाव पर 2030 के लिए हमारे सभी लक्ष्यों को हम पूरा करेंगे। हमारी हरित हाइड्रोजन नीति व्यापक तौर पर सफल होगी।
 
पुरी ने कहा कि हम विमानन ईंधन पर अपने लक्ष्यों को पूरा करने की राह पर हैं। भारत आज जैव ईंधन मिश्रण के लिए एक शानदार क्षमता पेश कर रहा है। हम अपने सभी लक्ष्यों को समय से पहले पूरा कर रहे हैं। वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की स्थापना हमारी सफलता की एक और मिसाल है।
 
उन्होंने तेजी से ऊर्जा बदलाव के लिए हरित हाइड्रोजन की कीमत में कमी की जरूरत बताई और कहा कि देश कुछ समय तक पेट्रोल और कोयला जैसे जीवाश्म ईंधन पर निर्भर रहेगा। विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक के दौरान 'ऊर्जा और प्रतिद्वंद्विता' विषय पर आयोजित एक अन्य सत्र में उन्होंने कहा कि दुनिया के समक्ष जो चुनौतियां हैं, उससे व्यावहारिक तरीके से निपटने की जरूरत है।
 
उन्होंने इस मौके पर रूस-यूक्रेन युद्ध युद्ध के प्रभावों से निपटने में भारत का उदाहरण दिया। पुरी ने कहा कि यूक्रेन युद्ध के बाद ऊर्जा संकट का संकेत मिलना शुरू हो गया था। उसके बाद भारत ने शुरुआत में ही व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाया और परिणाम सभी के सामने हैं।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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