केबीएल द्वारा जारी बयान के अनुसार, 'एक्सपर्ट्स की टीम गुफा के पास 5 जुलाई से ही मौजूद थी। बचाव अभियान के दौरान गुफा से कैसे पानी निकाला जाए और पंप से कैसे गुफा को पानी से कम किया जाए, इन सभी चीजों पर टेक्निकल सलाह दी गई। इससे गोताखोरों को बच्चों तक पहुंचने में कम समय लगा।'
उल्लेखनीय है कि गुफा में फुटबॉल टीम और उनके कोच 23 जून से फंसे हुए थे। तभी तेज बारिश शुरू हो गई और गुफा से बाहर आने के रास्ता बंद हो गया। ऑपरेशन में कई देशों ने मदद की। थाईलैंड सरकार ने भारत सरकार से किर्लोस्कर पंप भिजवाने की मांग की थी, ताकि गुफा में भरे पानी को बाहर निकाला सके। तीन दिन तक चले इस ऑपरेशन में सभी बच्चों और कोच को बचा लिया गया।