न्यायाधीश प्रीति पदमन सुरसेना ने पांच भारतीय और तीन श्रीलंकाई नागरिकों के खिलाफ हेरोइन की तस्करी में शामिल होने को लेकर फैसला सुनाया। इधर, भारत सरकार ने कहा है कि पिछले चार वर्षों में इस मामले की पुरजोर पैरवी की गई।
श्रीलंकाई अदालत के फैसले पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने नई दिल्ली में कहा, श्रीलंका में अदालत द्वारा पांच मछुआरों के खिलाफ फैसला दिए जाने के बाद भारत ने एक बार फिर उनके निर्दोष होने का मामला श्रीलंका के साथ उठाया है तथा कोलंबो में भारत का उच्चायोग फैसले के खिलाफ वकील के जरिए अपील करेगा। (भाषा)