अनुमान से कहीं ज्‍यादा गर्म हो सकती है पृथ्‍वी...

शनिवार, 25 जून 2016 (19:55 IST)
लंदन। वैज्ञानिकों का कहना है कि वैश्विक तापमान के कारण भविष्य में पृथ्वी अनुमान से कहीं  ज्यादा गर्म हो सकती है।
ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन होने से वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी न सिर्फ उत्सर्जन के आकार,  बल्कि वातावरण में मौजूद अतिरिक्त गैस के प्रभाव पर भी निर्भर करती है।
 
इस असर को जलवायु संवेदनशीलता कहते हैं तथा आमतौर पर इसे वातावरण में कार्बन डाई  ऑक्साइड की मात्रा दोगुनी होने से तापमान बढ़ने के तौर पर परिभाषित किया जाता है।  जलवायु संवेदनशीलता पृथ्वी की जलवायु प्रणाली की कई संपदाओं पर निर्भर करती है।
 
चिली की यूनिवर्सिटी ऑफ मैगलानेस के प्रोफेसर गैरी शैफर ने कहा कि शोध दिखाता है कि  पिछली बार वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी के दौरान जलवायु संवेदनशीलता मौजूदा समय के  मुकाबले ज्यादा थी। 
 
शैफर ने कहा कि यह पूरी मानवता के लिए बुरी खबर है कि बड़े पैमाने पर जलवायु  संवेदनशीलता होने से तापमान में बढ़ोतरी तेज होगी। यह अध्ययन 5.6 करोड़ साल पहले हुए  वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी के दौरान की स्थिति के आधार पर किया गया है। उस समय को  पालाएओसीन-एओसीन थर्मल मैक्सिमम (पीईटीएम) के नाम से जाना जाता है।
 
शोधकर्ताओं का कहना है कि पीईटीएम से पहले तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस था और  पीईटीएम के दौरान यह बढ़कर करीब 5.1 डिग्री सेल्सियस हो गया। मौजूदा समय में जलवायु  संवेदनशीलता करीब 3 डिग्री सेल्सियस है। (भाषा)

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