एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी ने बताया कि क्वॉड सम्मेलन के एक सत्र में बाइडन ने कहा कि मोदी की सफलता ने दुनिया को दिखा दिया है कि लोकतंत्र क्या कर सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इसने इस मिथक को भी झुठला दिया गया है कि चीन और रूस जैसे निरंकुश देश तेजी से बदलती दुनिया को बेहतर तरीके से संभाल सकते हैं क्योंकि उनका नेतृत्व लंबी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के बिना फैसले ले सकता है और उन्हें लागू कर सकता है।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने महामारी से निपटने में भारत की सफलता की तुलना चीन की नाकामी से की। अधिकारी के अनुसार राष्ट्रपति बाइडन की ये टिप्पणियां किसी लिखित पाठ का हिस्सा नहीं लगतीं, क्योंकि उन्होंने अपने लिखित भाषण से पहले विशेष हस्तक्षेप करते हुए यह बात कही।
किशिदा ने यह भी कहा कि कंबोडिया में स्वयं प्रधानमंत्री हुन सेन ने टीका सौंपे जाने के कार्यक्रम में भाग लिया। अधिकारी के अनुसार इसी सत्र में ऑस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने कहा कि भारत द्वारा दूसरे देशों को टीकों की आपूर्ति ने जमीनी हालात को बदला है और इस तरह की सफलता विचारों की सैद्धांतिक बहस जीतने से अधिक महत्वपूर्ण है।