'नेचर जियोसाइंस जर्नल' में प्रकाशित हुए नए अध्ययन के मुताबिक किसी संभावित 'लैंडिंग मिशन' को यूरोपा की सतह पर उतरने से पहले 'पेनीटेंट्स' नाम की खतरनाक बाधाओं को पार करना होगा। पेनीटेंट्स धारदार किनारे वाली बर्फ की बनी चादरें हैं और इनकी नोक भी बर्फ की बनी हुई हैं। कार्डिफ यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ अर्थ एंड ओशन साइंसेज के डेनियल होबले ने बताया कि बृहस्पति के इस उपग्रह की अनोखी परिस्थितियां खोजी संभावनाओं के साथ-साथ संभावित खतरे को भी पेश करती हैं।
वैज्ञानिकों ने बताया कि यूरोपा पर अधिक एकरूपता वाले पेनीटेंट्स के लिए अनुकूल परिस्थितियां मौजूद हैं। इसकी सतह पर काफी मात्रा में बर्फ है। हालांकि यूरोपा पर अभी तक कोई भी अंतरिक्ष यान नहीं उतरा है। वहीं नासा यूरोपा क्लिप्पर के जरिए इस उपग्रह के लिए 2022 तक अभियान भेजने का इरादा रखता है। समझा जा रहा है कि एक लैंडिंग मिशन इसके शीघ्र बाद हो सकता है। (भाषा)