उत्तर कोरिया वर्षों से अपनी अर्थव्यवस्था के साथ अपनी परमाणु क्षमताओं को विकसित करने की नीति पर चल रहा था। अप्रैल में उत्तर कोरियाई नेता ने प्रायद्वीप पर शांति बनाए रखने का हवाला देते हुए घोषणा की थी कि परमाणु हथियार की तलाश पूरी हो चुकी है और अब उनका देश सामाजिक आर्थिक प्रगति पर ध्यान केंद्रित करेगा।
बहरहाल, उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि अगर अमेरिका प्रतिबंधों पर अपना रुख नहीं बदलेगा तो प्योंगयांग अपनी नीति पर वापस लौट सकता है। चीन की आधिकारिक केसीएनए न्यूज एजेंसी ने शुक्रवार देर शाम एक बयान में कहा कि नीति फिर से लौट सकती है और रुख में बदलाव पर गंभीरता से पुनर्विचार किया जा सकता है।
अमेरिका तब तक उत्तर कोरिया के खिलाफ प्रतिबंधों को जारी रखने पर जोर दे रहा है, जब तक कि वह पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण नहीं कर लेता। दूसरी ओर उत्तर कोरिया अमेरिका की मांग को 'गुंडागर्दी' जैसा बताकर उसकी निंदा कर रहा है। (भाषा)