जाधव मामला : विपक्ष ने की पाकिस्तान सरकार की कड़ी आलोचना

गुरुवार, 18 मई 2017 (22:31 IST)
इस्लामाबाद। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय हेग में कुलभूषण जाधव के मामले को सही ढ़ंग से नहीं उठाने का आरोप लगाते हुए पाकिस्तानी वकीलों और विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने यह कहकर सरकार की जोरदार आलोचना की है कि तथ्यों को पेश करने में गलती की गई है।
 
पीपीपी के वरिष्ठ नेता शेरी रहमान ने कहा कि हमने अपने केस को कानून के आधार पर पेश किया और यही हमारी कमी साबित हुई। जासूसी मामले को लेकर और ज्यादा तर्क पेश किए जाने चाहिए थे। 
 
समाचार-पत्र 'डान' के मुताबिक सेवानिवृत न्यायाधीश शाइक उस्मानी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह पाकिस्तान की गलती रही कि वह अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में गया। उसे न्यायालय की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेना चाहिए था और ऐसा करके उन्होंने खुद अपने पैर में कुल्हाड़ी मारी है। हालांकि उन्होंने यह विचार भी व्यक्त किया कि पाकिस्तान में जाधव के खिलाफ मामला चलता रहेगा।
 
न्यायाधीश उस्मानी का कहना है कि जब तक इस मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का अंतिम फैसला नहीं आ जाता तब तक मामला पाकिस्तान में चलता रहेगा लेकिन जब तक फांसी की सजा पर रोक है तब तक इस पर अमल नहीं किया जा सकता। उसके खिलाफ यहां कार्रवाई जारी रहेगी।
 
इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए लंदन स्थित पाकिस्तानी वकील राशिद असलम ने कहा कि जाधव मामले में पाकिस्तान की तैयारी पूरी नहीं थी। अपना पक्ष रखने के लिए उसे जो 90 मिनट का समय दिया गया पाकिस्तान उसका सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर सका और 40 मिनट हमने ऐसे ही खराब कर दिए।
 
उन्होंने कहा कि मुझे इस बात पर आश्चर्य है कि आखिर हमने अपनी बात को इतने कम समय में कैसे पूरा कर दिया और मेरा मानना है कि पाकिस्तान पक्षकार खावार कुरैशी अपने समय का सही इस्तेमाल नहीं कर पाया।
 
उन्होंने कहा कि वियना संधि के अनुच्छेद पांच में यह पूरी तरह साफ है कि अगर कोई विदेशी नागरिक पकड़ा जाता है तो वह मानवाधिकार कानूनों का हकदार होता है, लेकिन अगर कोई विदेशी जासूस पकड़ा जाता है तो वह मानवाधिकारों का अधिकारी नहीं रह जाता और ये अधिकार जब्त हो जाते हैं। (वार्ता)

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