समाचार-पत्र 'डान' के मुताबिक सेवानिवृत न्यायाधीश शाइक उस्मानी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह पाकिस्तान की गलती रही कि वह अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में गया। उसे न्यायालय की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेना चाहिए था और ऐसा करके उन्होंने खुद अपने पैर में कुल्हाड़ी मारी है। हालांकि उन्होंने यह विचार भी व्यक्त किया कि पाकिस्तान में जाधव के खिलाफ मामला चलता रहेगा।
उन्होंने कहा कि वियना संधि के अनुच्छेद पांच में यह पूरी तरह साफ है कि अगर कोई विदेशी नागरिक पकड़ा जाता है तो वह मानवाधिकार कानूनों का हकदार होता है, लेकिन अगर कोई विदेशी जासूस पकड़ा जाता है तो वह मानवाधिकारों का अधिकारी नहीं रह जाता और ये अधिकार जब्त हो जाते हैं। (वार्ता)