ईस्टर पर लाहौर में आत्मघाती हमला, 72 लोगों की मौत

सोमवार, 28 मार्च 2016 (08:29 IST)
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में ईस्टर का उत्सव मनाए जाने के दौरान ईसाई समुदाय को निशाना बनाकर भीड़-भाड़ वाले पार्क में एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोट किया जिसमें महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम 72 लोग मारे गए और 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए। आत्मघाती हमलावर पाकिस्तानी तालिबान का सदस्य था।
शहर में इकबाल कस्बा इलाके के गुलशन-ए-इकबाल पार्क में ईसाइयों समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे तभी शाम छह बजकर चालीस मिनट पर विस्फोट हुआ।
 
यह वीभत्स आत्मघाती हमला तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से जुड़े एक समूह जमातुल अहरार नामक आत्मघाती हमलावर ने किया। उसकी उम्र 20 वर्ष के आसपास रही होगी।
 
समूह ने चारसादा अदालत में हुए विस्फोट सहित पहले भी कई बम विस्फोटों की जिम्मेदारी ली है। उनका कहना है कि वे पंजाब के पूर्व गवर्नर सलमान तासीर के हत्यारे मुमताज कादरी को दी गई फांसी का बदला था।
 
लाहौर के जिला समन्वय अधिकारी कैप्टन (अवकाश प्राप्त) मोहम्मद उस्मान ने कहा कि आज के विस्फोट केहमलावर का सिर बरामद कर लिया गया है। विस्फोट स्थल पर बॉल-बेयरिंग भी मिले हें।
 
लाहौर के पुलिस उपमहानिरीक्षक हैदर अशरफ ने बताया, ‘यह आत्मघाती हमला था। आत्मघाती हमलावर ने खुद को पार्क के भीतर उड़ा लिया।’ उन्होंने कहा, ‘इसकी पुष्टि हो गई है कि यह आत्मघाती विस्फोट था। विस्फोट में करीब 10 से 15 किलोग्राम विस्फोटक के इस्तेमाल की आशंका है।’
 
उन्होंने इससे इनकार किया कि हमले में ईसाइयों को निशाना बनाया गया था। उन्होंने कहा, ‘यह कोई ईसाई पार्क नहीं था। मरने वालों में ईसाई भी होंगे।’ पंजाब सरकार के प्रवक्ता ने कहा, ‘मृतकों की संख्या 69 पहुंच गई है। 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।’
 
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पार्क एक आसान निशाना था। उन्होंने कहा, ‘आतंकवादी बच्चों और अल्पसंख्यक समुदायों को अपने नापाक इरादों को पूरा करने के लिए निशाना बनाते हैं।’ पंजाब के मंत्री बिलाल यासीन ने कहा, ‘मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि घायलों की हालत गंभीर है।’
 
पंजाब पुलिस ने कहा कि आत्मघाती हमलावर ने खुद को झूलों के पास विस्फोट से उड़ाया। उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि आत्मघाती हमलावर का मुख्य निशाना बच्चे थे।’ पार्क लाहौर में पॉश इलाके में स्थित है। इसी शहर में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का घर है। इसे अपेक्षाकृत शांत इलाका माना जाता है।
 
बचावकर्मियों के साथ मिलकर सेना भी घायलों को अस्पताल पहुंचाने में जुटी हुई है। लाहौर के सभी अस्पतालों में आपातस्थिति की घोषणा की गयी है। घायलों को रक्तदान के लिए लोगों से अपील की गयी है।
 
अस्पताल में पीड़ितों में से एक सलीम शाहिद ने कहा, ‘जब जोरदार विस्फोट हुआ मेरे दो बच्चे झूले पर थे। बच्चे और मैं जमीन पर गिर गया। मैं अर्धमूर्छित हो गया। जब चेतना आई तो मैं बच्चों की तलाश में भागा। उपर वाले का शुक्र है वे जीवित हैं और उनके माथे पर चोट आई।’ 
 
गौरतलब है कि इससे पहले पिछले वर्ष मार्च में ही पाकिस्तान के पेशावर में एक ऐतिहासिक गिरजाघर पर दो तालिबानी आत्मघाती बम हमलावरों के हमले में बच्चों एवं महिलाओं सहित 78 लोग मारे गए। इस हमले को पाकिस्तान के इतिहास में ईसाई समुदाय पर अब तक का सबसे विध्वंसक हमला माना जा रहा है। कोहाटी गेट इलाके में प्राचीन ‘ऑल सेंट्स चर्च’ पर हमले में करीब 130 लोग घायल भी हुए थे। 78 लोगों में 30 से अधिक महिलाएं और 7 बच्चे शामिल हैं। पाकिस्तान में सालों से ईसाई, अहमदिया, हिन्दू, सिख, मुजाहिर आदि सहित सभी अल्पसंख्‍यकों पर हमले जारी है, लेकिन सरकार इस मामले में कुछ नहीं करती। 
 
 

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