भारत में Tesla Car इतनी महंगी क्‍यों, एलन मस्क ने बताई वजह, भारत में खरीदें या अमेरिका से लाएं अपनी टेस्‍ला?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

गुरुवार, 17 जुलाई 2025 (13:30 IST)
लंबे इंतजार के बाद भारत में अमीरों की कार टेस्‍ला आ गई। एलन मस्‍क लंबे समय से चाहते थे कि उनकी ई-कार कंपनी टेस्‍ला भारत में भी बिकनी शुरू हो जाएं। मंगलवार को टेस्‍ला ने मुंबई में अपना पहला शोरूम खोलकर इस सपने को भी पूरा कर दिया। हालांकि टेस्‍ला के जो मॉडल भारत में लॉन्‍च हुए हैं, उनकी कीमत अमेरिकी बाजार के मुकाबले काफी ज्‍यादा है। जानते हैं आखिर क्‍यों भारत में आकर यह कारें इतनी महंगी हो गई हैं।

#WATCH | Tesla is all set to mark its official entry into the Indian market with the launch of its first showroom in Mumbai today

The electric vehicle (EV) giant is opening its India showroom at the Maker Maxity Mall in the city's Bandra Kurla Complex (BKC) pic.twitter.com/6p0EmgrsHS

— ANI (@ANI) July 15, 2025
टेस्‍ला के सबसे चर्चित मॉडल Y की बात करें तो भारत में इसकी कीमत अमेरिकी बाजार के मुकाबले 15 हजार डॉलर ज्‍यादा है। अमेरिका में जहां इस मॉडल की कीमत 44,990 डॉलर यानी करीब 38.7 लाख रुपए है, वहीं भारतीय बाजार में इसका दाम 15 हजार डॉलर बढ़कर 59.89 लाख रुपए के एक्‍स शोरूम कीमत पर पहुंच जाता है। अगर मुंबई में इसका ऑनरोड प्राइस देखें तो यह करीब 61 लाख रुपए के आसपास पहुंचता है, जो अमेरिकी बाजार से करीब 22 लाख रुपए महंगा है।

भारत में क्यों है इतनी ज्यादा कीमत : अमेरिका में यही कार 44 हजार 990 डॉलर (लगभग 38 लाख रुपए) में मिल रही है, तो भारत में इसकी कीमत इतनी ज्यादा क्यों हैं? इसके पीछे पहला कारण इंपोर्ट ड्यूटी है। भारत में विदेशी बनी हुई पूरी कार (CBU- Completely Built Unit) पर 70 फीसदी तक टैक्स लगता है। एक कार पर ही 21 लाख से ज्यादा टैक्स देना पड़ता है। दूसरा कारण लॉजिस्टिक्स खर्च है, जोकि चीन के शंघाई प्लांट से मुंबई लाई गई हैं। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट और कस्टम में भी भारी खर्च आता है।

भारत में आयात शुल्‍क और कई तरह के टैक्‍स : दरअसल, भारत में आयात शुल्‍क के अलावा और भी कई तरह के टैक्‍स लगाए जाते हैं। इसमें रोड टैक्‍स, बीमा और स्‍थानीय टैक्‍स भी लगते हैं। इन चीजों को मिलाकर वाहनों की ऑन रोड कीमत काफी ज्‍यादा हो जाती है। अगर भारत में आयात शुल्‍क को 15 से 20 फीसदी घटा भी दिया जाए तो भी यहां आयात होकर आई कारों की कीमत ज्‍यादा ही रहेगी। टेस्‍ला की बात करें तो इसकी सबसे कम कीमत वाली कार भी 35 से 40 लाख रुपए की होगी, जबकि भारत में वाहन बनाने वाली कंपनियां टाटा, हुंडई और एमजी की ई-कार 20 से 30 लाख रुपए के रेंज में आ जाती है।

डॉलर भी एक वजह : टेस्‍ला की की कारों की कीमत डॉलर में तय होती है, क्‍योंकि इसकी ज्‍यादातर मैन्‍युफैक्‍चरिंग अमेरिका में ही है। ऐसे में जब यह कार भारत आती है, तो इसकी कीमत रुपए में बदल जाती है। इस एक्‍सचेंज के लिए भी कीमत चुकानी पड़ती है, जबकि डॉलर की मजबूती की वजह से रुपए पर दबाव भी बढ़ जाता है। अगर भविष्‍य में टेस्‍ला ने भारत में उत्‍पादन शुरू किया तो इसकी कीमतों में गिरावट आ सकती है।

क्‍या है खासियत : टेस्ला Model Y दो वेरिएंट्स (Standard RWD और Long Range RWD. Standard) में पेश की जाएगी। वेरिएंट में 60kWh की LFP बैटरी दी जाएगी, जो लगभग 500 किलोमीटर तक की ड्राइविंग रेंज देगी और यह कार 0 से 100 किमी/घंटा की रफ्तार लगभग 5.6 सेकंड में पकड़ सकती है। दूसरी तरफ, Long Range RWD वेरिएंट में 75kWh की NMC बैटरी होगी, जिसकी रेंज 622 किलोमीटर तक है और ये SUV 5 सेकंड से भी कम समय में 0 से 100 किमी/घंटा की स्पीड हासिल कर सकती है।

Tesla के Y मॉडल में ये हाई-टेक फीचर्स: टेस्ला Model Y को भारत में कई Advanced Technological Features के साथ लॉन्च किया जाएगा। इसमें ओवर-द-एयर सॉफ़्टवेयर अपडेट्स, रियर सीट के लिए अलग टचस्क्रीन, इलेक्ट्रिक एडजस्टेबल रियर सीटें दी जा सकती हैं। साथ ही टेस्ला का प्रीमियम साउंड सिस्टम और Tesla ऐप के जरिए रियल-टाइम कंट्रोल की सुविधा दी जाएगी। ये सभी फीचर्स इस मॉडल को तकनीक के मामले में एक कदम आगे रखते हैं। (फोटो : टेस्‍ला इंडिया के एक्‍स हैंडल से)
रिपोर्ट : नवीन रांगियाल 

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