कट्टरपंथी मौलाना एवं जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फज्ल (जेयूआई-एफ) के नेता ने दक्षिणी खैबर पख्तूनख्वा में मंगलवार को बन्नू शहर में धरना-प्रदर्शन के दौरान विपक्ष के नेताओं को 'चोर' बुलाने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि 'चुनी हुई' सरकार ने खान की बहन को नेशनल रिकॉन्सिलिएशन ऑर्डिनेंस (एनआरओ) की पेशकश की है।
रहमान ने दावा किया कि खान के नेतृत्व से चल रही पाकिस्तान की तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार के दिन लद गए हैं। रहमान ने कहा कि इस सरकार की जड़ें कट गई हैं। इनके पास महज कुछ ही दिन रह गए हैं। 'जिओ न्यूज' के हवाले उन्होंने कहा कि इमरान खान की बहन को एनआरओ दिया गया है। हमें भी ऐसी सिलाई मशीन दी जाए, जो आपको 1 साल में 70 अरब रुपए कमाकर दे सके।
नेशनल रिकॉन्सिलिएशन ऑर्डिनेंस एक ऐसा अध्यादेश है जिसे भ्रष्टाचार, गबन, मनी लॉन्ड्रिंग, हत्या और आतंकवाद के आरोपी नेताओं, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और नौकरशाहों को माफी देने के इरादे से 2007 में जारी किया गया था।
रहमान ने कहा कि खान 'पाकिस्तान का गोर्बाचेव' बनने की कोशिश कर रहे हैं। इस महीने की शुरुआत में मौलाना ने ऐसा ही तेवर दिखाते हुए प्रधानमंत्री को इस्तीफा देने के लिए 2 दिन का वक्त दिया था। मिखाइल गोर्बाचोव सोवियत संघ के अंतिम राष्ट्रपति थे। उन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार मिला है। शीतयुद्ध को समाप्त करने वाली वार्ता और सुधारों को अपनाने के लिए उन्हें सबसे ज्यादा याद किया जाता है।
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी राजधानी में 1 महीने भी नहीं टिक सकते हैं जबकि 2014 में उनकी पार्टी का प्रदर्शन 126 दिन चला था। रहमान ने 27 अक्टूबर को कराची से अपने प्रदर्शन की शुरुआत की थी और हजारों समर्थकों के लाव-लश्कर के साथ वे 31 अक्टूबर को इस्लामाबाद पहुंचे थे। रहमान के नेतृत्व वाली सरकार विरोधी रैली को 'आजादी मार्च' कहा जा रहा है जिसका मकसद मौजूदा सरकार को सत्ता से हटाना है।