उल्लेखनीय है कि विश्व आर्थिक फोरम-2015 की वैश्विक लैंगिक अनुपात सूची में आइसलैंड पहले पायदान पर था, जबकि इसके बाद आइसलैंड का साथी राष्ट्र नॉर्वे, फिनलैंड और स्वीडन थे।
विगलुंडसन ने कहा कि 3,23,000 से अधिक की आबादी वाले राष्ट्र में इस नए कानून का लक्ष्य कंपनियों में पुरुषों और महिलाओं के वेतन में 7 प्रतिशत के अंतर को पाटना है। उन्होंने बताया कि इस विधेयक को मध्य-दक्षिणपंथी गठबंधन वाली सरकार, विपक्ष का समर्थन प्राप्त है और संसद में करीब 50 प्रतिशत सांसद महिलाएं हैं। यह कानून जनवरी से प्रभावी हो जाएगा।