Modi's US visit: भारतीय मूल के एक शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) की अगले हफ्ते होने वाली अमेरिका की आधिकारिक राजकीय यात्रा दुनिया के 2 सबसे बड़े लोकतांत्रिक (democracies) देशों के बीच अगले 2 दशक के लिए सहयोग बढ़ाने और उसे संस्थागत स्वरूप देने को लेकर है।
प्रबंधन और संसाधन संबंधी मामलों के उप विदेश मंत्री रिचर्ड वर्मा ने कहा कि यह यात्रा 'बिलकुल सही समय' पर हो रही है। वर्मा अमेरिका के विदेश विभाग में अब तक के सर्वश्रेष्ठ पद पर पहुंचने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी हैं। वे 54 वर्ष के हैं। वे भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में सेवाएं देने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी व्यक्ति भी हैं।
उन्होंने कहा कि यह यात्रा अभी कई कारणों से बहुत मायने रखती है, क्योंकि यह उन अगले 2 दशकों के लिए हमारे सहयोग को बढ़ावा देने और संस्थागत बनाने के लिए है। प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका की 3 दिवसीय राजकीय यात्रा पर 21 जून को वॉशिंगटन डीसी पहुंचेंगे। अगले दिन 22 जून को उनके लिए एक भव्य स्वागत समारोह के अलावा राजकीय भोज का आयोजन किया जाएगा। इसी दिन प्रधानमंत्री अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे।
मोदी की यात्रा से पहले वर्मा ने याद किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कुछ साल पहले सीनेट की विदेशी संबंध मामलों की समिति के अध्यक्ष के रूप में कैसे तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के प्रशासन में भारत-अमेरिका के बीच असैन्य परमाणु समझौते की जबर्दस्त वकालत की थी।
वर्मा ने कहा कि रिपब्लिकन पार्टी के वरिष्ठ नेता बाइडन इस दौरान कांग्रेस के अपने डेमोक्रेट सहयोगियों को इस समझौते के पक्ष में मतदान करने के लिए मनाने में भी कामयाब रहे थे। उन्होंने बाइडन के साथ भारतीय-अमेरिकी समुदाय से जुड़े कार्यक्रमों में शिरकत करने की बात याद की और कहा कि इन कार्यक्रमों तत्कालीन सीनेटर (बाइडन) अक्सर अमेरिका-भारत संबंधों के महत्व को रेखांकित करते थे।
वर्मा ने कहा कि आपको बाइडन का 2003 या 2004 का एक बयान मिलेगा जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर भारत और अमेरिका 2020 में सबसे करीबी दोस्त होंगे तो विश्व एक अधिक सुरक्षित एवं समृद्ध स्थान बन जाएगा। उन्होंने 17 साल पहले ही यह भविष्यवाणी कर दी थी। वह इस बारे में बिल्कुल सही भी साबित हुए।(भाषा)