भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक इस केंद्र का निर्माण भारत स्थित अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) कर रहा है। इसके लिए आईबीसी को लुम्बिनी विकास ट्रस्ट द्वारा एक भूखंड आवंटित किया गया है। इस संदर्भ में आईबीसी और लुम्बिनी विकास ट्रस्ट के बीच मार्च 2022 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए थे।