लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी नवंबर 2008 में समुद्र पार कर कराची से मुंबई में पहुंचे थे और वहां उन्होंने समन्वित हमलों में 166 लोगों की हत्या कर दी थी और 300 से ज्यादा लोगों को घायल कर दिया था। भारत ने मुंबई हमलों के सरगना एवं जमातुद दावा के मुखिया हाफिज सईद को देश में खुलेआम यहां वहां घुमने की इजाजत देने के पाकिस्तान के कदम पर चिंता जताई थी।
वक्तव्य में कहा गया है कि उन्होंने अल कायदा, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और उनसे संबद्ध संगठनों समेत विभिन्न समूहों से आतंकवादी खतरों के खिलाफ सहयोग मजबूत करने का प्रण किया। दोनों नेताओं ने आतंकवादियों की पनाहगाहों, बुनियादी ढांचा नष्ट करने, आतंकवादी नेटवर्क और वित्तपोषण के चैनल तोड़ने और आतंकवादियों के सरहद पार आवागमन रोकने का सभी देशों का आह्वान किया।