वॉशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अमेरिका की बड़ी विमान कंपनी लॉकहीड मार्टिन के साथ आवाज की गति से भी तेज उड़ने वाला (सुपरसोनिक) यात्री विमान विकसित करने जा रही है। विमान की अत्यधिक तेज गति के बावजूद यह बिल्कुल आवाज (सुपरसोनिक बूम) नहीं करेगा और विमान के चलने के दौरान इतना ही शोर होगा जितना कि एक कार के दरवाजा बंद करने से होता है।
उल्लेखनीय है कि अभी तक सुपरसोनिक तकनीक का इस्तेमाल केवल लड़ाकू विमान में ही इस्तेमाल होती है। लेकिन नासा यह प्रयोग पहली बार यात्री विमानों पर प्रयोग करना चाहता है। नासा ने इस परियोजना को पूरा करने के लिए लॉकहीड मार्टिन को चुना है। सुपरसोनिक उड़ानों की आठ परियोजनाओं का नासा वित्तपोषण करेगी। इसके लिए नासा ने कंपनी को 2475 लाख डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट भी दिया है।
विमानों के एयरोडायनेमिक्स में सुधार लाने के लिए लॉकहीड मार्टिन के इंजीनियर्स 'हाइब्रिड विंग बॉडी' को बनाने में जुटे हैं। इस तरह के विमान को विकसित करने के लिए 23 लाख डॉलर से शोध परियोजनाएं भी चलाई जाएंगीं। दोनों कंपनियों के बीच एक अनुबंध के तहत लॉकहीड मार्टिन ने 2016 में ही इस विमान का डिजाइन तैयार कर लिया था।
लॉकहीड मार्टिन, नासा को 2021 के अंत तक विमान का एक प्रोटोटाइप बनाकर देने का काम करेगी। नियमों के मुताबिक, अभी दुनिया के ज्यादातर देशों में सुपरसोनिक फ्लाइट्स की तेज आवाज के चलते इन पर बैन लगा है। हालांकि, टेस्ट फ्लाइट से नासा यह जानने की कोशिश करेगा कि सुपरसोनिक तकनीक से नागरिकों को इसकी मौजूदगी का कितना पता चलता है।
संभावना है कि विमान की टेस्टिंग वर्ष 2025 तक चलेगी जिसके बाद इसका डेटा फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) और इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (आईसीएओ) को भेजा जाएगा और कमर्शियल सुपरसोनिक फ्लाइट्स के लिए नियमों में संशोधन करने की अपील की जाएगी। अभी किसी भी सामान्य उड़ान को न्यूयॉर्क से दिल्ली (11,476 किलोमीटर) की दूरी तय करने में कम से कम 13-14 घंटे का समय लगता है।
लेकिन यात्री विमानों में सुपरसोनिक तकनीक आने से ये समय सिर्फ 7 घंटे हो जाएगा। साथ ही, यह जमीन से 10 मील (55 हजार फीट) की अधिकतम ऊंचाई तक उड़ सकेगा और सुपरसोनिक विमान की अधिकतम स्पीड 1592 किलोमीटर प्रतिघंटा के करीब होगी।