इसके चारों ओर नौ ग्रह चक्कर लगाते हैं। उसके करीब भी पहुंचना इंसान और विज्ञान दोनों के लिए संभव नहीं है, लेकिन वैज्ञानिक आपका नाम सूरज के वातावरण के भीतर पहुंचा सकते हैं। सूरज की तपिश और उसके इर्द-गिर्द फैली विकिरण को चीरते हुए आपका नाम सूरज के वातावरण के बेहद करीब पहुंचाएगा नासा का यान पार्कर सोलर प्रोब। थॉमस के अनुसार लोग अपना नाम नासा भेज सकते हैं। इन नामों को एक माइक्रोचिप पर लिखा जाएगा। यह माक्रोचिप स्पेसक्राफ्ट के जरिए सूरज के करीब भेजी जाएगी, जो सूर्य के चारों तरफ चक्कर लगाएगी। नासा ने मंगलवार को कहा कि सूरज पर नाम भेजने के लिए 27 अप्रैल 2018 तक नाम स्वीकार किए जाएंगे। नासा के अनुसार यह मिशन इस साल शुरू हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि यह मिशन उन तमाम सवालों के जवाब तलाशेगा, जिनके जवाब पिछले छ: दशक से सभी वैज्ञानिकों तलाश रहे हैं। मई 2017 में नासा ने इस यान का नाम सोलर प्रोब प्लस से बदलकर खगोलविद् यूजीन पार्कर के सम्मान में पार्कर सोलर प्रोब कर दिया। इस मिशन में प्रयोग में स्पेसक्राफ्ट एक छोटी कार के आकार है जो 5.9 मिलियन किलोमीटर का सफर तय करेगा।
इस स्पेसक्राफ्ट की रफ्तार 4,30,000 मील प्रति घंटा है। प्रोफेसर थॉमस ने कहा कि इसका अर्थ यह हुआ कि वॉशिंगटन से टोक्यो पहुंचने में एक मिनट का समय भी नहीं लगेगा। यह यान सीधे सूरज के वातावरण का सफर तय करेगा। इस मिशन का उद्देश्य यह जानना है कि किस प्रकार ऊर्जा और गर्मी सूर्य के चारों ओर घेरा बनाकर रखती हैं। इस मिशन से सूरज के बारे में अधिक समझ विकसित होने की उम्मीद है।