अदालत के न्यायाधीश ने कहा कि इस बात का पर्याप्त आधार है कि यदि अभियुक्त को जमानत पर छोड़ा गया तो वह बाद में आत्मसमर्पण के लिए पेश नहीं होगा। इस घटनाक्रम को नीरव मोदी को पूछताछ के लिए भारत लाने और इस में शामिल सभी अभियुक्तों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की भारतीय जांच एजेंसियों के प्रयास में एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।
नीरव मोदी को जहां गिरफ्तार किया गया उससे इस बात के संकेत मिलते हैं कि नीरव मोदी वेस्ट एंड के सेंटर पाइंट के उसी आलीशान अपार्टमेंट में रह रहा था, जहां उसके होने की आशंका व्यक्त की जा रही थी। ऐसा लग रहा है कि उसे प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किया गया है। नीरव मोदी को अदालत में पेश किए जाने के बाद इस बारे में स्थिति स्पष्ट होगी।
नीरव मोदी को अदालत में पेश किए जाने के बाद औपचारिक तौर पर उसके खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे। इसके बाद वह जमानत की अपील कर सकता है। बाद में इस मामले में भी ब्रिटेन की अदालत की उन्हीं प्रक्रियाओं का दोहराव होगा जो धोखाधड़ी एवं मनी लांड्रिंग के मामले में अप्रैल 2017 में विजय माल्या की गिरफ्तारी के बाद हुआ है। माल्या उसके बाद से जमानत पर है।