टोक्यो। आप भले ही ना मानें पर जल्दी ही ऐसी जापान में ऐसी तकनीक आ रही है जहां स्टेयरिंग को हाथ लगाए बिना केवल दिमाग में सोचने भर से कार आपके इशारे पर चलेगी।
अभी तक तो देश दुनिया में ड्राइवरलेस कार टेक्नोलॉजी और उनके भविष्य के बारे में लोग बातें ही कर रहे थे। वहीं एक कार कंपनी इससे कई कदम आगे जाकर कार ड्राइविंग की सबसे अनोखी टेक्नोलॉजी लेकर दुनिया के सामने आ रही है।
जापान की प्रसिद्ध ऑटोमोबाइल कंपनी निसान जल्द ही कार ड्राइविंग की ऐसी तकनीक लेकर आ रही है, जिसमें कार में बैठा व्यक्ति अपने हाथों और पैरों से नही बल्कि अपने दिमाग के इशारे भर से कार को ड्राइव कर लेगा।
अनोखी और चौंकाने वाली तकनीक को तैयार करने के मामले में जापानियों का वाकई कोई जवाब नहीं है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि अमेरिका से लेकर जर्मनी तक तमाम देश सालों से ड्राइवरलेस कारों को सड़कों पर लाने को तुले हुए हैं, लेकिन कुछ ही देशों में सफल टेस्टिंग के अलावा दुनिया के किसी भी शहर में ड्राइवरलेस कारें कामयाब नहीं हो सकीं।
जबकि अब जापान की मशहूर कार निर्माता कंपनी निसान ने एक तकनीक को पेश किया है, जिसके तहत दुनिया में कार और बाकी चौपहिया वाहनों को चलाने का तरीका बदल जाएगा। निसान ने इस अनोखी तकनीक को 'ब्रेनटू व्हीकल' नाम दिया है।
इस तकनीक के साथ आने वाली कार इतनी स्मार्ट होगी कि स्टीयरिंग के बिना, सिर्फ कार चलाने वाले के दिमाग को पढ़कर कार सड़कों पर दौड़ेगी। आम भाषा मे इस तकनीक को सोच कर कार चलाना कहा जा सकता है।
इस संदर्भ में उल्लेखनीय है कि निसान कंपनी बी2वी नाम की इस तकनीक से लैस कार को अमेरिका के लॉस वेगास में होने वाले इंटरनेशनल कंज्यूमर शो में पेश करने वाली है। कंपनी के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेजीडेंट का दावा है कि बी2वी तकनीक दुनिया में अपनी तरह की पहली तकनीक है, जो दिमाग के संकेत को रियल टाइम से पहचान करके वाहनों को चलाएगी।
निसान मोटर्स की ओर से कार ड्राइविंग की इस नई तकनीक को लेकर बताया गया है कि इसमें कार की ड्राइविंग सीट पर बैठा व्यक्ति अपने सिर पर माइक्रोसेंसर से लैस एक एक छोटी सी कैप लगाएगा। यह कैप हर सेकेंड ड्राइवर की ब्रेन मैपिंग करेगी और उससे निकलने वाले संकेतों को इस हाईटेक कार को भेजेगी।
यही तरीका कार को सड़क पर दौड़ाएगा। कार चलाने को लेकर दिमाग में चल रही हर एक वेव एक्टिविटी को ये ब्रेन सेंसर रियल टाइम में ट्रैक करेंगे और कार में लगा ऑटोनॉमस ड्राइविंग सिस्टम इस सिग्नल को प्रोसेस करके कार को ड्राइव करेगा।
अगर आप सोचते हैं कि ब्रेन से कार तक इन संकेतों को पहुंचने में तो काफी समय लगेगा, तब तो सारी तकनीक ही असफल हो सकती है। पर निर्माता कंपनी का कहना है कि कार में मौजूद ऑटोनॉमस ड्राइविंग सिस्टम, ड्राइवर के दिमाग से निकलने वाले वेव सिगनल्स को बहुत तेजी से प्रोसेस करके रोड पर बिल्कुल सही निर्णय लेने की क्षमता रखता है।
यही नहीं ये बी2वी कार तकनीक किसी ड्राइवर की तुलना में 0.2 से 0.5 सेकेंड्स तेजी से कार को कंट्रोल और हैंडल कर सकती है। पलक झपकने से पहले ही यह तकनीक कार को मोड़ या धीमा कर सकती है।