ऑक्सफोर्ड, ब्रिटेन। आज भी भारत की तरह पश्चिमी देशों में ट्रांसजेंडरों के लिए अलग से टॉयलेट नहीं बनाए जाते हैं। यहां और वहां भी ट्रांसजेंडर ऐसी कई समस्याओं से जूझते हैं। इसी को देखते हुए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक कॉलेज ने सभी टॉयलेट्स को यूनिसेक्स करने का फैसला लिया है।
इंग्लैंड के प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक कॉलेज में महिला और पुरुष छात्र अब एक ही टॉयलेट का इस्तेमाल करेंगे। समरविले कॉलेज में वोटिंग के आधार पर यह फैसला लिया गया, जिसमें 80 फीसदी ने इसके पक्ष में मतदान किया। विदित हो कि 4 हजार छात्र-छात्राएं यहां पढ़ते हैं।
इन टॉयलेट की खास बात यह है कि इन्हें एलजीबीटी कम्यूनिटी के लोग भी सहजता से इस्तेमाल कर सकेंगे। कॉलेज के एलजीबीटी मामलों से जुड़े एक ऑफिसर ने इस फैसले का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक बोर्ड हटाना नहीं है, बल्कि जेंडर के आधार पर अलग-अलग किए गए स्पेस को एक करना है।
हालांकि काफी छात्र-छात्राओं ने इस फैसले पर खुशी जाहिर की है, लेकिन कुछ महिलाओं ने चिंता जताई है कि इससे यौन हिंसा की घटना में बढ़ोतरी हो सकती है। पिछले सेमेस्टर में छात्रों ने ऐसे ही प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। इस फैसले के बाद सभी टॉयलेट से मेल या फीमेल के साइन हटा दिए जाएंगे।